भोपाल। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के विधायक दल की बैठक भोपाल में आयोजित की गई। माना जा रहा था कि दोनों पार्टियों के विधायक दल की बैठक में बड़े फैसले होंगे परंतु ऐसा कुछ नहीं हुआ। भाजपा विधायक दल की बैठक में बड़ी संख्या तो नजर आई लेकिन विधायक दल का नेता नहीं चुना गया। माना जा रहा था कि शिवराज सिंह चौहान को विधायक दल का नेता चुना जाएगा। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में 88 विधायक शामिल हुए। सहयोगी दल के विधायक बैठक में नहीं आए।
नरोत्तम के लिए नारेबाजी शिवराज सिंह निराश
भाजपा विधायक दल की बैठक पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए एक प्रकार से निराशाजनक रही। खबरें आ रही थी कि इस बैठक में शिवराज सिंह चौहान को विधायक दल का नया नेता चुन लिया जाएगा और सत्ता परिवर्तन के बाद शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री होंगे परंतु विधायक दल की बैठक में नेता का परिवर्तन नहीं हुआ। गोपाल भार्गव भाजपा विधायक दल के नेता है। इधर नरोत्तम मिश्रा के समर्थन में नारेबाजी की गई। याद दिला दें कि नरोत्तम मिश्रा अकेले से भाजपा नेता हैं जिन्होंने कमलनाथ सरकार गिराने के लिए फ्रंट लाइन पर आकर काम किया। नरेंद्र सिंह तोमर को सभी घटनाक्रमों की जानकारी थी और वह एक अच्छे मध्यस्थ की भूमिका में थे। शिवराज सिंह चौहान ने पूरे घटनाक्रम में कोई खास भूमिका नहीं निभाई। हालांकि वह हर घटना में शामिल रहे।
कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा नहीं दिया
एक अनुमान लगाया गया था कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में या तो दिग्विजय सिंह कमलनाथ सरकार को बचाने के लिए कोई बड़ी चाल चलेंगे या फिर कांग्रेस पार्टी के सभी विधायक सामूहिक इस्तीफा देकर मध्यावधि चुनाव की संभावनाओं को मजबूत कर देंगे परंतु ऐसा नहीं हुआ। कुल 88 विधायक बैठक में शामिल हुए। औपचारिकता के बाद बैठक समाप्त हो गई। बैठक के दौरान सीएम हाउस के बाहर ज्योतिरादित्य सिंधिया मुर्दाबाद के नारे लगाए।