स्थाई शिक्षकों की भर्ती में मध्यप्रदेश के मूल निवासियों को प्राथमिकता के लिए प्रदर्शन | MP NEWS

भोपाल। अनारक्षित वर्ग में बाहरी अभ्यर्थियों का कोटा निर्धारित ना किए जाने के कारण राज्य के पात्र अभ्यर्थियों का लोक शिक्षण संचालनालय के सामने रंजीत गौर के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन निरंतर जारी है। पात्र अभ्यर्थी लगातार विरोध एवं धरना प्रदर्शन के माध्यम से स्थाई शिक्षक भर्ती में हो रही विसंगतियों का विरोध कर रहे हैं। 

पात्र अभ्यर्थियों का आरोप है कि स्थाई शिक्षक भर्ती आरटीई के नियमानुसार नहीं हो रही है हिंदी को आरटीआई के नियम अनुसार तृतीय स्थान प्राप्त होने के बावजूद भी स्थाई शिक्षक भर्ती में छठवां स्थान प्रदान किया गया है, जिससे पात्र अभ्यर्थियों में नाराजगी अधिक है। माध्यमिक शिक्षक भर्ती में हिंदी ,सामाजिक विज्ञान ,विज्ञान एवं उर्दू विषय के माध्यमिक शिक्षकों की भर्ती में नाम मात्र के पद रिक्त होने से पात्र अभ्यर्थियों में भारी आक्रोश है। अभ्यर्थियों का कहना है कि जारी विज्ञप्ति में संशोधन किया जाए। पात्र अभ्यर्थियों की एक प्रमुख मांग यह भी है है कि स्थाई शिक्षक भर्ती में बाहरी अभ्यर्थियों के लिए 5 अथवा 10% निर्धारित कोटा निश्चित हो एवं मध्य प्रदेश के मूल निवासियों को प्राथमिकता मिले।

जिला आगर में उपचुनाव प्रचार के दौरान पहुंचे मुख्यमंत्री कमलनाथ को पात्र अभ्यर्थियों एवं अतिथि शिक्षकों ने काले झंडे दिखाए। पात्र अभ्यर्थियों के अनुसार स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा उच्च माध्यमिक एवं माध्यमिक शिक्षकों के लिए जारी की गई विज्ञप्ति में कई प्रकार की विसंगतियां देखने को मिल रही हैं,जिनमें सुधार कराने के उद्देश्य से पात्र अभ्यर्थियों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। पात्र अभ्यर्थी संघ के  प्रदेश संयोजक रंजीत गौर के अनुसार माध्यमिक शिक्षक भर्ती में विज्ञान,सामाजिक विज्ञान, संस्कृत व उर्दू आदि के विषयों के  कम से कम रिक्त पद दर्शाए गए हैं ,जबकि इन सभी विषयों के हजारों की मात्रा में अभी भी रिक्त पद हैं। 

उच्च माध्यमिक शिक्षकों की मेरिट सूची से अनारक्षित वर्ग में मध्य प्रदेश के मूल निवासी भी लगभग शिक्षक बनने की दौड़ से बाहर हो गए है क्योंकि बाहरी अभ्यर्थियों को अनारक्षित वर्ग में 100% कोटा निर्धारित कर दिया गया है। आरटीई के नियम अनुसार शिक्षक भर्ती कराने की मांग अभ्यार्थी लगातार कई दिनों से कर रहे हैं। शिक्षक भर्ती के मामले में प्रदेश सरकार को जगह जगह पर विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

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