सलाहकार मिगलानी के बाद कमलनाथ भी होम आइसोलेशन में | MP NEWS

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निजी सचिव, सलाहकार और राइट हैंड आरके मिगलानी के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने भी खुद को होम क्वॉरेंटाइन में ले लिया है। दरअसल, भोपाल के एक वरिष्ठ पत्रकार श्री केके सक्सेना कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए हैं। यह पत्रकार उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल थे जिसमें कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया। 

मध्य प्रदेश में 6 जिले संक्रमित, 15 मरीज

मध्यप्रदेश राज्य में अब तक 6 जिले संक्रमित हो चुके हैं। जबलपुर 6, इंदौर 4, भोपाल एक, ग्वालियर एक, शिवपुरी एक और उज्जैन एक के साथ अब तक कुल 15 मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं। पूरे देश में 14 अप्रैल तक के लिए टोटल लॉक डाउन घोषित किया जा चुका है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सभी लोग घरों के अंदर रहे। दैनिक उपयोग के लिए जरूरी सामान उन्हें उनके दरवाजे पर उपलब्ध कराया जाएगा। दवाइयां भी होम डिलीवरी की जाएंगी। किसी को किसी भी काम के लिए बाहर निकलने की जरूरत नहीं है।

कमलनाथ आइसोलेशन में नहीं, सुरक्षा नियमों का पालन कर रहे हैं: सलूजा

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष श्री कमलनाथ ने अपने ऑफिशल टि्वटर हैंडल पर इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है लेकिन उनके मीडिया कॉर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा ने कमलनाथ के आइसोलेशन की खबरों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कोरोना से बचाव को लेकर पूरी सावधानी बरत रहे हैं। सुरक्षा के नियमों का पालन कर रहे हैं। प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित भी है। वे अपने ऑफिस में काम कर रहे हैं।

भोपाल के हमीदिया अस्पताल में 600 बेड रिजर्व रखे गए

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने आला अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जहां से विदेशी मेहमान लौटे हैं, ऐसे सभी राष्ट्रीय उद्यानों, पर्यटन क्षेत्रों की सघन जांच की जाए। निजी अस्पतालों में उपलब्ध मेडिकल अमले का भी उपयोग करें। दूसरी ओर, प्रशासन ने भोपाल के हमीदिया अस्पताल को खाली कराने के आदेश दिए हैं। इसमें 600 बैड कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व हैं। अन्य 200 बेड पर अभी मरीज हैं, जिन्हें दो दिन में कहीं और शिफ्ट कर दिया जाएगा। इसके अलावा इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, सागर और रीवा मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों को महामारी के इलाज का सेंटर बनाया जाएगा।

एक्शन प्लान: पांच विशेषज्ञ डॉक्टरों की यूनिट, हफ्तेभर ड्यूटी

हमीदिया अस्पताल अधीक्षक डॉ. एके श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना मरीजों का इलाज करने के लिए तीन यूनिट बनाई गई हैं। प्रत्येक यूनिट में पल्मोनोलॉजिस्ट, मेडिसिन, पीडियाट्रिक, ईएनटी और एनीस्थीसिया विशेषज्ञ डॉक्टर ड्यूटी करेंगे। यूनिट में ड्यूटी करने वाले डॉक्टर एक सप्ताह तक मरीजों का इलाज करेंगे। इन्हें एक सप्ताह की ड्यूटी खत्म होने के बाद 14 दिन के लिए क्वारैंटाइन सेंटर में भेजा जाएगा। इसकी वजह मरीज का इलाज करने वाले डॉक्टर्स, पैरामेडिकल, नर्सिंग स्टॉफ को मरीजों का इलाज करने के दौरान सबसे ज्यादा संक्रमण होने का खतरा होता है।

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