ग्रीन कार्ड धारी शिक्षकों से वसूली निरस्त, प्राचार्य का आदेश अपास्त: हाईकोर्ट | EMPLOYEE NEWS

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भोपाल। ग्रीन कार्ड धारी शिक्षक "अशोक पाटीदार" प्राथमिक शिक्षक प्रावि देवरान, संकुल-चचोर, तहसील-रामपुरा, जिला-नीमच ने विशेष वेतनवृद्धि की ब्याज सहित वसूली को मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार के मार्ग दर्शन में माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर में चुनौती देते हुए "याचिका क्रमांक डब्ल्यू पी 26842/2019" दायर की थी। 

इसकी सफल पैरवी अधिवक्ता "श्री एसआर पोरवाल" ने की थी । इनके तर्कों से सहमत होकर विद्वान न्यायधीश माननीय "श्रीमान एससी शर्मा साहब" ने दिनांक 13/03/2020 को महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है । फैसले में कहा गया है कि "प्राचार्य द्वारा दिनांक 19/11/2019 के ब्याज सहित वसूली आदेश को निरस्त किया जाता है, दिनांक 16/06/2006 के पहले व बाद में टी टी आपरेशन पर प्राप्त विशेष वेतनवृद्धि मिलती रहेगी व वसूली की गई है तो पुनः भुगतान करने के साथ-साथ फैसले की प्रमाणित प्रति जारी होने के 90 दिनों में छठे व सातवें वेतनमान का लाभ भी दिया जाए।" 

"मप्र तृतीय वर्ग शास कर्म संघ" ने माननीय न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि "शासन आदेश 13/10/2009 के परिप्रेक्ष्य में प्राप्त विशेष वेतनवृध्दि व छठे व सातवें वेतनमान के लाभ से भी वंचित किया गया है जो न्यायोचित नहीं है, इसका लाभ दिया जाए। " उक्त फैसला प्रदेश के हजारों कर्मचारियों के लिए मील का पत्थर साबित होकर लाभदायक होगा। शासनादेश की गलत व्याख्या कर कर्मचारियों को अपने स्वत्वों से वंचित करने का षडयंत्र लगातार सामने आ रहा हैं । मजबूर होकर कर्मचारियों को अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ता हैं, जो शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान हैं । इस प्रवृत्ति पर रोक लगना ही चाहिए ।

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