E-MAIL में जब CC ऑप्शन है तो फिर BCC का उपयोग क्या होता है | GK IN HINDI

ई-मेल का उपयोग तो सभी करते हैं लेकिन बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो केवल ई-मेल के इनबॉक्स को चेक कर पाते हैं और ज्यादा से ज्यादा मेल ड्राफ्ट करके उसे सेंड कर देते हैं। आपको जानकार आश्चर्य होगा कि बहुत सारे लोगों को ई-मेल में फाइल अटैच करना तक नहीं आता। लोग अक्सर मदद मांगते हैं कृपया उनकी सहायता करें। आज हम आपको बताएंगे कि ईमेल में जब CC का ऑप्शन है तो फिर BCC का मतलब क्या होता है।

ई-मेल में CC का मतलब क्या होता है, इसका उपयोग कैसे कर सकते हैं

Cc का पूरा नाम carbon copy है। जैसा कि इसके नाम से समझ में आता है यदि आप किसी व्यक्ति को मेल सेंड कर रहे हैं और आप चाहते हैं कि कुछ और व्यक्तियों को इस ईमेल की कॉपी पहुंचे तब आप मेल ऐड्रेस CC वाले सेक्शन में लिखेंगे। इससे मेल प्राप्त करने वाले को यह भी पता चल जाएगा कि आपने किस किस व्यक्ति को इस मेल की कार्बन कॉपी भेजी है।

ज्यादातर इसका इस्तेमाल राजकीय दस्तावेज यानी ऑफिशियल डाक्यूमेंट्स में किया जाता है। जिसमें सभी विभागों को एक साथ आदेश भेजा जाता है और उन विभागों को पता चल जाता है कि इस विभाग के अलावा और किन विभागों को यही आदेश दिए हुए है।

E-MAIL में BCC का विकल्प क्यों होता है, इसका क्या उपयोग है

Bcc का पूरा नाम blind carbon copy है। इसमें cc की तरह एक साथ कई लोगों को e-mail भेज सकते है लेकिन किसी भी व्यक्ति को यह पता नहीं चलेगा कि आप ने कुल कितने लोगों को यह मेल भेजा है। इसका संकेत यह होता है कि आपने एक एड्रेस पर मेल किया है और चुपके से उसकी कार्बन कॉपी दूसरे व्यक्ति या व्यक्तियों को भेजी है। ताकि यह मामला उनकी जानकारी में रहे और किसी को पता भी ना चले। 
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