एक भी अतिथि शिक्षक सेवाएं नहीं देगा, जब तक नियमितीकरण नहीं हो जाता: सुनील परिहार | MP NEWS

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के शाहजहानी पार्क में उन्हत्तर दिनों से जन सत्याग्रह पर डटे अतिथि शिक्षक अब अतिथि शिक्षक के रूप में काम करने स्कूल नहीं जाने का संकल्प ले लिए हैं।बल्कि अब नियमितीकरण के आदेश लेकर ही स्कूल जायेंगे।इस आशय की जानकारी अतिथि शिक्षक समन्वय समिति के प्रदेश अध्यक्ष सुनील परिहार ने जारी विज्ञप्ति में दी है।

आपने सरकार पर आरोप लगाया है कि अतिथि शिक्षकों ने तेरह वर्षों से शोषण का शिकार बनकर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया है।बदले में उनके परिवार का भरण-पोषण के लिए भी मानदेय नहीं दिया गया है,न ही उनको स्थाई रोजगार उपलब्ध कराते जाने कोई पहल की गई है।आज भी उनकी स्थिति समाज में बद से बदतर बनी हुई है।सरकारों ने छल कपट तो करते ही आईं हैं,अनेकों जगह स्कूलों में भी नियमित स्टाफ के द्वारा सताते परेशान होते आ रहे हैं।इस तरह के शोषण सहन करते आने के पीछे एक मात्र उम्मीद बनी हुई है, कि आज नहीं तो कल,देर सबेर नियमितीकरण तो होगा ही। परन्तु सरकारों का ध्यान आज भी इस ओर नहीं जा रहा है।जिससे तंग अतिथि शिक्षकों ने मन ही बना लिया है,कि अतिथि शिक्षक का काम करने अब स्कूल नहीं जायेंगे।अब तो नियमितीकरण छीनकर ही मानेंगे।जिसके लिए जितने दिन तक सत्याग्रह पर बैठना पड़े,बैठकर ही संघर्ष करते रहेंगे।इस बात का संकल्प उन्हत्तर दिन से जन सत्याग्रह पर बैठे सत्याग्रहियों की ओर से लिया जा चुका है। 

वालेंटियर प्रमुख रविकांत गुप्ता ने बताया है,कि मार्च में बुलाये जाने वाले विधानसभा बजट सत्र के पहले  नियमितीकरण की कार्यवाही सरकार पूरी करे।तब तक भी कोई ठोस कार्यवाही नहीं होती है,तो विधानसभा सत्र के चलते राजधानी की हर गलियों और चौराहों को अतिथि शिक्षकों से भरकर शांति सद्भावना पूर्वक सत्याग्रह चलाया जायेगा। विधानसभा सत्र के चलते विधान सभा में नियमितीकरण का प्रस्ताव पारित कराये जाने के लिए राजधानी सहित विधानसभा और विधायक मंत्रियों का घेराव किया जायेगा।जगह जगह पर नुक्कड़ सभाएं की जायेंगी।इसके पहले होलिकोत्सव में मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री विधायकों  सभी अधिकारियों के बंगलों तक पहुंचकर होली के गीतों के साथ रंग गुलाल समर्पित किया जायेगा।साथ ही नियमितीकरण की मांग का निराकरण तत्काल कराये जाने की मांग की जायेगी।

सह सचिव अजय तिवारी ने बताया है,कि लगभग ढाई महीने से जन सत्याग्रह कर रहे सैकड़ों सत्याग्रही तरह तरह की गंभीर बीमारियों का शिकार हो चुके हैं।जिसके उपचार के लिए भी कोई गुंजाइश नहीं है।इस तरह और भी संकट बढ़ता जा रहा है।संगठन के संस्थापक पी.डी.खैरवार ने बताया है,कि सत्याग्रही अतिथि शिक्षक चार महीने पहले नियमितीकरण के लिए निर्णायक संघर्ष को पूरा करने घर से निकल चुके थे।जो  होली का पर्व मातम भरा मनाने को विवश हैं।क्योंकि लंबे समय से अपने घरों से बाहर रहकर आंदोलन कर रहे हैं।उनके परिवार वाले इंतजार कर रहे हैं,रोज फोन भी लगातार आ रहे हैं।अब वे बिना नियमितीकरण के आदेश लिए परिवार के सामने खड़े होने के काबिल नहीं हैं।खाली हाथ वापस जाने पर परिवार और समाज की उलाहना भी मिलेंगे।जो जिंदा रहते मर जाने के बराबर है।महिला विंग प्रदेश अध्यक्ष अनिता हरचंदानी ने बताया है,कि महिला सशक्तिकरण की आड़ में घर भरने वाले मंत्री आज महिला अतिथि शिक्षकों के प्रति भी विचार करने को तैयार नहीं हैं।

जबकि समस्त अतिथि शिक्षकों की पचास फीसदी संख्या महिलाओं की है।संगठन के प्रवक्ता जगदीश शास्त्री ने सरकार को कोसते हुए बताया है,कि आने वाले उप चुनाव और स्थानीय निकायों के चुनावों में दोगली चाल चलने वाली इस कांग्रेस की सरकार के प्रत्याशियों को बख्शा नहीं जायेगा।प्रदेश की जगह जगह पहुंच कर मतदाताओं को जागरूक किया जायेगा। समन्वय समिति वॉलेंटियर प्रकोष्ठ के सचिव अनवर अहमद कुरैशी ने बताया है,कि राजधानी घेराव के चलते व्यवस्था को सुव्यवस्थित बनाकर निर्णायक संघर्ष करने व चौक चौबंद बनाये रखने एक सौ पचास अतिथि शिक्षकों को वालेंटियर्स बनाकर उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है।ताकि राजधानी में हजारों की संख्या बल में पहुंच रहे अतिथि शिक्षकों को किसी भी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े।सत्याग्रही अतिथि शिक्षकों का नेतृत्व कर रहे सर्वेश श्रीवास्तव, सुनील विश्वकर्मा, मुकेश साहू, रामनारायण कहार, नवीन शर्मा,सर्जन सिंह शिल्पकार, रामस्वरूप गुर्जर, देवेंद्र शाक्य,आयुषी तिवारी,गौरव राठौर,मयूरी चौरसिया,अनिता श्रीवास्तव मुख्य रूप से सामिल रहे।

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