बेटा घोड़ी चढ़ा तो खुशी में पिता को हार्टअटैक आ गया, मौत | MP NEWS

सुनील विश्वकर्मा/हरपालपुर। जिला छतरपुर के नगर हरपालपुर में एक ह्रदय विदारक घटना  सामने आई इस घटना से खुशी का माहौल एक पल में गमगीन हो गया। बेटा घोड़ी चढ़ा तो पिता अपनी खुशी पर काबू नहीं रख पाया और बेटे की बारात में रुपए उड़ाए डांस करने लगे। लेकिन उसे क्या पता था कि यह डांस उसकी जिंदगी का आखिरी होगा। उधर बेटा दूल्हा बनकर घोड़ी पर बैठा रहा और इधर उसके पिता को मौत का फरिश्ता अपने साथ ले गया। खास बात यह रही विवाह रस्मों के दौरान दूल्हे सहित परिजनों को यह सूचना दी गई कि उन्हें उपचार के लिए दूसरे शहर ले गए हैं, जबकि पिता का शव  नगर  के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में  रखा रहा।

जानकारी के मुताबिक नगर के  11 फरवरी को पुलिस लाइन कॉलोनी  के पास रहने वाले रिटायर्ड पुलिसकर्मी कल्याण सिंह तोमर (75) के पुत्र माधव सिंह की शादी  जिला के निकटवर्ती  गांव देरी में संतोष सिंह की पुत्री निधि चंन्देल से तय हुई थी। मंगलवार की रात करीब 9 बजे बारात घर से निकली ही थी कि कुछ दूरी पर बाराती  नाचते हुए विवाह स्थल के लिए घर से निकले ही थे।अचानक पिता के सीने में तेज दर्द होने के साथ ही उन्हें जबर्दस्त दिल का दौरा पड़ा। एकाएक तबियत बिगडऩे पर उन्हें रिश्तेदारों द्वाराअस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

इधर शादी की खुशियां थीं और उधर पिता की मौत का गम। इन दोनों को दूर करने के लिए नजदीकी रिश्तेदारों ने परिजनों से कहा कि डॉक्टर ने उन्हें रैफर कर दिया है, इसलिए अब हम उनका इलाज कराने के लिए झांसी ले जा रहे हैं। वाहन से उनके शव को कुछ दूर घुमाने के बाद नगर के सरकारी अस्पताल में शव को कमरे में रखे रहे।

बताते हैं कि इस दौरान दूल्हा बने माधव सिंह  को इतना ही बताया गया कि पिताजी की तबियत बिगडऩे पर उन्हें इलाज के लिए  झांसी ले गए हैं। पिता की अनुपस्थिति में शादी समारोह की रस्में आनन-फानन में निभाई गईं। फिर एक तरफ बेटा शादी होकर घर लौटा, उधर उसके पिता का शव अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया। आज सुबह जब बेटे को बताया कि पिता का देहांत हो गया तो उसकी विवाह की खुशियां मातम में बदल गईं। मेहंदी लगे हाथों से दाह लगाकर रो पड़ा बेटा । मंगलवार की रात विवाह व बारात में जो लोग शामिल  हुए थे वह सुबह सुबह दूल्हे के पिता के अंतिम संस्कार में शामिल हुए और सभी ने नम आंखों से विदाई दी।

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