अतिथि विद्वानों ने मंत्री जीतू पटवारी को छतरपुर में घेरा, फिर आश्वासन मिला | ATITHI VIDWAN NEWS

भोपाल। हम अगर किसी को रोजगार नही दे सकते तो हमें किसी का रोजगार छीनने का भी कोई अधिकार नही है। अतिथिविद्वानों के भविष्य का संरक्षण करना मेरी और कमलनाथ सरकार की प्राथमिकता और ज़िम्मेदारी है। सरकार अतिथि विद्वान व्यवस्था में सुधार लाने एवं नियमितिकरण हेतु गंभीरता से विचार कर रही है। उक्त बातें प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने अपने छतरपुर प्रवास के दौरान अतिथिविद्वानों से कहीं। 

जीतू पटवारी की बातों पर भरोसा नहीं, लिखित आदेश जारी करें: संघर्ष मोर्चा

विदित हो कि मंत्री जीतू पटवारी महाराजा छत्रसाल विश्वविद्यालय छतरपुर में आयोजित युवा संवाद कार्यक्रम में शिरकत करने छतरपुर आये हुए थे। हालांकि अतिथि विद्वान, मंत्रीजी की इस बात से कुछ खास प्रभावित नज़र नही आ रहे है। अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के डॉ सुरजीत भदौरिया के अनुसार मंत्री जीतू पटवारी लगातार अपने बयानों से पलटते रहे है। उन्होंने हज़ारों अतिथि विद्वानों एवं पूरे भोपाल के मीडिया जगत के सामने नीलम पार्क में ये घोषणा की थी कि पहले अतिथि विद्वानों का पुनर्वास किया जाएगा तत्पश्चात सहायक प्राध्यापक परीक्षा की नियुक्तियां की जाएगी किन्तु जल्द वे अपनी बात से साफ पलट गए। इसके अलावा विभिन्न अवसरों पर मंत्रीजी ने नियमितिकरण के विषय मे रुख अस्पष्ट और भ्रामक रहा है। हमारा स्पष्ट मत है कि जो भी बातें हो अब वो स्पष्ट रूप से लिखित में होनी चाहिए। मंत्रीजी ने अतिथिविद्वानों का विश्वास लगभग खो दिया है। 

मंत्रीजी बताइए, नियमितीकरण की प्रक्रिया में क्या प्रगति हुई: संघर्ष मोर्चा

अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के डॉ देवराज सिंह के अनुसार मध्यप्रदेश में कई सरकारें आई और चली गईं लेकिन अतिथिविद्वानों की बदहाल स्थिति पर किसी भी सरकार ने गौर फिक्र लड़ने की ज़रूरत नही समझी है। कांग्रेस पार्टी द्वारा अतिथिविद्वान नियमितिकरण के मुद्दे को अपने वचनपत्र ने शामिल किए जाने से हमें फिर से एक आशा बंधी थी, किन्तु सरकार की अब तक कि कार्यप्रणाली को देखा जाए तो कांग्रेस का वचनपत्र भी अब तक कोरा चुनावी घोषणा पत्र ही सिद्ध हुआ है। यदि वाकई सरकार और मंत्री जीतू पटवारी जी की मंशा स्पष्ट है तो वे बताएं कि अतिथिविद्वान नियमितिकरण की प्रक्रिया में अब तक क्या प्रगति हुई है?

केवल मुख्यमंत्री कमलनाथ करवा सकते है नियमितीकरण: संघर्ष मोर्चा

अतिथिविद्वान नियमितिकरण संघर्ष मोर्चा के प्रवक्ता डॉ मंसूर अली के अनुसार अतिथिविद्वान नियमितीकरण केवल मुख्यमंत्री कमलनाथ जैसे सशक्त और मज़बूत इच्छाशक्ति वाले जननेता ही करवा सकते है। वे पूर्व से ही अतिथिविद्वानों की पीड़ा से भली प्रकार परिचित है। मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल की व्यक्तिगत रूचि के कारण ही अतिथिविद्वान नियमितीकरण कांग्रेस के वचनपत्र में शामिल किया गया था। हमने सरकार को नियमितिकरण हेतु उपाय सुझाये है। अब यह सरकार की इच्छाशक्ति पर निर्भर करता है कि कितनी जल्दी इस विषय पर विचार हो। हालांकि कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव लाकर, सुपरन्यूमेरेरी पद बनाकर अथवा विधानसभा में विधेयक लाकर आसानी से इस समस्या का समाधान खोजा जा सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जी ने भी सरकार को अतिथिविद्वान नियमितिकरण के संबंध में अपनी अनुशंसा सहित कुछ सुझाव दिए हैं। 

अतिथिविद्वानों के अभूतपूर्व आंदोलन ने पूरे किए दो महीने

अतिथिविद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के मीडिया प्रभारी डॉ आशीष पांडेय के अनुसार शाहजहानी पार्क के हमारे आंदोलन ने अब तक पीड़ा झेलते हुए दो माह पूर्ण किये हैं। हमारे आंदोलन को चौतरफा जनसहयोग मिला है। किंतु अगर कुछ नही मिल सका है तो को सरकार का साथ। मंत्रीजी हमारे पंडाल से दूर भाग रहे है। जबकि अतिथिविद्वानों पिछले दो माह से अपने विभागीय मंत्री का बेसब्री के साथ पंडाल में इंतज़ार कर रहे है। किंतु शायद मंत्रीजी के पास अतिथिविद्वानों की पीड़ा को देखने और समझने का समय नही है।

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