लॉ छात्रा के साथ 2 घंटे में 12 दरिंदों ने बलात्कार किया | CRIME NEWS

नई दिल्ली। झारखंड के रांची में कानून की पढ़ाई करने वाली है कि युवती के साथ दरिंदगी के मामले में सभी 12 आरोपी दोषी पाए गए हैं। यह एक दिल दहलाने वाला घटनाक्रम था। सड़क पर खड़ी लड़की का अपहरण किया गया और फिर 2 घंटे में 12 दरिंदों ने 15 से ज्यादा बार उसके साथ बलात्कार किया। कोर्ट 3 मार्च को इनकी सजा का निर्धारण करेगा। इनमें से एक आरोपी ने खुद को नाबालिग बताया है। यदि वह मेडिकल टेस्ट में अपराध करने के लिए शारीरिक रूप से सक्षम पाया गया तो भले ही उसकी उम्र 18 साल से कम हो, उसे भी वयस्क अपराधी की तरह सजा दी जाए।

घटना का विवरण जो कोर्ट में प्रमाणित हुआ

शाम करीब 5.30 बजे पीडि़ता बस स्टॉप पर बैठकर अपने दोस्त के साथ बातचीत कर रही थी। इसी बीच पल्सर बाइक से दो युवक वहां पहुंचे। उसे घूरने लगे। फिर दोनों उसके नजदीक आये गाली-ग्लौज करने लगे। मां-बाप को बता देने की धमकी दी। दोनों उसके दोस्तों से मारपीट पर उतारू हो गये। पीडि़ता से अपने मां से बात कराने को कहा। अचानक घटी इस घटना से पीडि़ता काफी भयभीत हो गई। मोबाइल निकालकर अपनी मां को फोन किया और एक अभियुक्त से बात करायी।

अभियुक्तों ने उसके मां को भी भद्दी-भद्दी गालियां देनी शुरू कर दी। मोबाइल बंद कर अपने जेब में रख लिया। इसके बाद दोनों अभियुक्त आपस में कुछ बातचीत किया उसके बाद पीडि़ता को जबरदस्ती अपनी बाइक पर बैठा कर वहां से निकलने लगा। इस बीच जब पीडि़ता के दोस्त रोकने की कोशिश की तो उसके साथ मारपीट की। फिर पीडि़ता को बाइक पर बीच में बैठाकर वहां से निकल गये।

कुछ ही दूर आगे बढ़े होंगे कि बाइक का पेट्रोल खत्म हो गया। तबतक लाल रंग की कार से उसके दोस्त आते हैं उसमें चार अभियुक्त पहले से बैठा हुआ था। पीडि़ता को कार से संग्रामपुर ले गया। दो युवक वापस बस स्टॉप पर गए और उसके दोस्त को कब्जे में ले लिया। उसकी स्कूटी लेकर घटना स्थल पहुंचा। ईंट भट्ठा पहुंचने पर कार से युवती को निकाल कर स्कूटी पर बैठाकर सुनसान खेत में ले गया जहां बारी-बारी से अभियुक्तों ने उसके साथ दुष्कर्म किया।

नाबालिक का मेडिकल टेस्ट होगा, उसके बाद सजा तय की जाएगी

12 अभियुक्तों में से एक को नाबालिग घोषित किये जाने का उसका मामला अलग करते हुए किशोर न्याय बोर्ड स्थानांतरित कर दिया गया है। नाबालिग की सुनवाई वहीं होगी। नाबालिग का रिनपास में मेडिकल जांच होगा। अगर जांच में यह साबित हो जाता है कि नाबालिग मानसिक और शारीरिक रूप से घटना को अंजाम देने में सक्षम है तो उसे भी व्यस्क मानते हुए सजा सुनायी जाएगी। 
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