महिला शिक्षक शादी के तत्काल बाद बॉयफ्रेंड के साथ चली गई थी, अब पति पर केस ठोक दिया | MP NEWS

भोपाल। कुटुंब न्यायालय में एक अजीब सा मामला सामने आया है। शादी के 1 सप्ताह बाद एक महिला शिक्षक अपने प्रेमी के साथ चली गई थी। उसमें शपथ पत्र लॉटरी कराकर पति से संबंध विच्छेद कर लिए थे और अपने बॉयफ्रेंड के साथ लिव इन रिलेशन में रहने लगी थी। अब उसी लड़की ने अपने पति पर भरण पोषण का मुकदमा ठोक दिया है। उसका कहना है कि वह अपने पति को छोड़कर प्रेमी के साथ रहने के लिए तैयार है। 

शादी के तत्काल बाद पति को अफेयर के बारे में बताया और शपथ पत्र पर संबंध विच्छेद  कर दिए

जानकारी के मुताबिक कोलार क्षेत्र की रहने वाली पत्नी ने शादी के बाद ही पति को बता दिया कि वह किसी और से प्यार करती है और यह शादी माता-पिता और समाज के दबाव में की है और वह प्रेमी के पास जाना चाहती है। प्रायवेट कंपनी में एकाउंटेंट के पद पर पदस्थ पति ने शिक्षिका पत्नी को जाने के लिए सहमति दे दी। पत्नी ने नोटरी पर अपनी मर्जी से पति से 9 जुलाई 2019 को संबंध विच्छेद कर लिया। 

बॉयफ्रेंड भी शिक्षक है दोनों रिलेशनशिप में रहे

वह शिक्षक प्रेमी के साथ रहने लगी। पति आनंदनगर का रहने वाला है। दोनों की शादी 17 मई 2019 में हुई थी। अब पत्नी ने कुटुंब न्यायालय में पति के खिलाफ भरण-पोषण का केस लगाया है और वापस पति के पास आना चाहती हैं। वहीं पति ने तलाक के लिए याचिका लगाई है। दोनों पक्षों की काउंसिलिंग जारी है। 

गलती का एहसास हो गया है पति के साथ रहना चाहती हूं

महिला शिक्षक ने कहा कि उसने नोटरी पर ही अपनी मर्जी से लिखकर गई थी, लेकिन अब अपनी गलती का अहसास हो गया है। अब अपने पति के साथ ही रहना चाहती हूं। वहीं पति के साथ ससुराल वाले भी बहू को रखने से इंकार कर दिए।

पति ने साथ रखने से साफ इनकार किया

काउंसिलिंग के दौरान पति का पूरा परिवार उसके साथ उपस्थित था। पति ने नोटरी दिखाते हुए कहा कि अपनी मर्जी से विवाह विच्छेद कर गई थी। अब साथ रहने की कोई गुंजाइश नही है। हम दोनों के बीच शादी के बाद ही संबंध खत्म हो गया। मेरे साथ सिर्फ दो दिन ही रही। अब भरण-पोषण देने का कोई सवाल ही नहीं उठता है। अब ये मेरी पत्नी नहीं है और मेरी कोई जिम्मेदारी भी नहीं है।

इनका कहना है
मामले में पति किसी भी हाल में पत्नी को रखना नहीं चाहता है। वहीं पत्नी भरण-पोषण मांग रही है, जबकि वह अपनी मर्जी से नोटरी पर संबंध विच्छेद कर गई है। इस आधार पर पति भरण-पोषण देने का इंकार कर सकता है।
नुरुन्निशां खान, काउंसलर, कुटुंब न्यायालय
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