भोपाल। इस तरह की कार्रवाई या देखने के बाद लगता है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का आरोप सही है। एंटी माफिया मुहिम के नाम पर खुलेआम वसूली की जा रही है। माफिया आप भी मजबूत है। कार्रवाई के नाम पर गरीबों को निशाना बनाया जा रहा है। मामला मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले का है। यहां एंटी माफिया मुहिम के नाम पर ऐसे 17 गरीब परिवारों के मकान तोड़ने की तैयारी शुरू कर दी गई है जो 40 साल से सरकारी जमीन पर काबिज हैं। नियमानुसार पुनर्वास के बिना इन्हें हटाया नहीं जा सकता परंतु माफिया के खिलाफ कार्रवाई दिखाने के लिए इस तरह से खानापूर्ति की जा रही है।
शिवपुरी के कलेक्टर कार्यालय में जन सुनवाई के दौरान सभी 17 परिवार (महिलाएं जिनके गोद में बच्चे भी थे) कलेक्टर के सामने उपस्थित हुए। सभी ने बताया कि माफिया के विरूद्ध चल रहे अभियान के दौरान उनके कच्चे घरों को तोड़ने का नोटिस थमा दिया गया है। सभी गरीब परिवार के लोग हैं। ऐसे लोगों को घर देने के लिए सरकार ने ' आवास योजना' संचालित की है। परंतु यहां बजाय इन्हें आवास योजना के तहत लाभ पहुंचाने के, इनके कच्चे घरों को तोड़ने की तैयारी शुरू कर दी गई है।
कलेक्टर से गुहार लगाने आए गरीब परिवार के लोगों ने बताया कि वह पिछले 40 साल से सरकारी जमीन पर घर बनाकर रह रहे हैं। जिसके पट्टे भी प्रशासन ने जारी कर दिए है। परंतु वह पट्टे अभी प्रशासन ने नहीं दिए है। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि वह माफिया नहीं है, मजदूर है। ग्रामीणों का कहना है कि इस कडकडाती ठंड में मकानों को तोडने के बाद उनके छोटे-छोटे बच्चों व बीमार बुजुर्गो को लेकर वह कहां जाएं।