भोपाल। मध्य प्रदेश में भी केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने द्वारा बुलाई महा हड़ताल का असर नजर आया। मध्य प्रदेश में बिजली कर्मी भी हड़ताल पर रहे। इस हड़ताल में बैंक, बीमा, डाक घर, इनकम टैक्स सहित कई केंद्रीय विभाग और औद्योगिक, निजी, ट्रांसपोर्ट क्षेत्रों के असंगठित मजदूर शामिल हैं।
राष्ट्रव्यापी हड़ताल की मुख्य वजह निजीकरण को बढ़ावा देना, पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं करना, वेतनमानों में सुधार नहीं करना, बैंकों को मर्ज कर रोजगार के अवसर व बांटे गए हजारों करोड़ रुपए कर्ज से उद्योगपतियों को मुक्त कराना, श्रमिकों के जीवन स्तर से जुड़े निर्णय नहीं लेना बताया जा रहा है।
बैंकों की हड़ताल से मध्य प्रदेश की 5 हजार बैंक शाखाओं पर प्रभाव दिखा। बैंकिंग क्षेत्र में केंद्र द्वारा लिए जा रहे गलत निर्णयों के खिलाफ अधिकारी व कर्मचारी बैंक यूनियन हड़ताल में शामिल हैं। कुछ सरकारी बैंक खुले रहे परंतु ग्राहकों के साथ व्यवहार नहीं किया गया।