भोपाल। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष न्यायालय ने मध्य प्रदेश के पूर्व एडीजी जेल राजेंद्र चतुर्वेदी को 5 साल की जेल की सजा सुनाई है। श्री चतुर्वेदी पर आरोप था कि उन्होंने जेल विभाग में भर्ती के नाम पर 16 उम्मीदवारों से 13 लाख रुपए लिए। जांच में उनका अपराध सिद्ध पाया गया था। कोर्ट ने राजेंद्र चतुर्वेदी पर 8.75 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट के फैसले के बाद राजेंद्र चतुर्वेदी को जेल भेज दिया गया।
मात्र 6 महीने के लिए एडीजी जेल बने थे राजेंद्र चतुर्वेदी
राजेंद्र चतुर्वेदी 1 जनवरी 2003 से 26 मई 2003 तक मध्य प्रदेश में एडीजी जेल थे। मात्र 6 महीने की अवधि में जेल विभाग में भर्ती परीक्षा का आयोजन हुआ और इस दौरान भ्रष्टाचार किया गया। आरोप है कि उन्होंने 16 उम्मीदवारों से तेरा लाख रुपए लिए।
एक शिकायत में फंस गए राजेंद्र चतुर्वेदी
उपेंद्र गौतम नामक व्यक्ति ने ईओडब्ल्यू में शिकायत की थी कि भर्ती के लिए चतुर्वेदी ने 16 लोगों से 13 लाख रुपए लिए। जांच में सामने आया कि उन्होंने पद का दुरुपयोग कर सरकारी नौकरी लगाने के नाम पर लोगों से रकम ली। उनके खिलाफा 28 फरवरी 2006 को FIR दर्ज की गई। जब चतुर्वेदी फंसे तो उन्होंने कुछ लोगों को चैक से पैसे वापस कर दिए थे। जेल विभाग में हो रहीं भर्तीयों के कुल 589 आवेदन मिले थे, इनमें से कुछ आवेदन बिना मार्किंग और आमद किये हुए थे।