निवाड़ी। निवाड़ी जिले की नाम परिवर्तन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। निवाड़ी जिला संघर्ष समिति में कांग्रेस के नेता भी शामिल है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यदि निवाड़ी का नाम बदला गया तो सरकार को भगवान श्रीराम का श्राप लगेगा। यह सरकार के लिए गंभीर परिणाम देने वाला हो सकता है।
निवाड़ी का प्रस्तावित नाम भगवान श्रीराम का अपमान है
कांग्रेस के पूर्व ब्लाक अध्यक्ष पंडित दिनेश तिवारी ने ज्ञापन में उल्लेख किया था कि निवाड़ी जिले के साथ कुछ राजनैतिक व्यक्तियों द्वारा षड्यंत्र पूर्वक छेड़छाड़ की जा रही है जिससे निवाड़ी का विकास आने वाले समय में अवरुद्ध हो जाएगा जबकि मुख्यमंत्री कमलनाथ की मंशा है कि निवाड़ी जिला विकास के मामले में प्रदेश में अग्रणी हो जिसके लिए प्रदेश सरकार कृतसंकल्प थे लेकिन कुछ राजनीतिक स्वार्थी लोग अपने निजी स्वार्थ के कारण निवाड़ी जिले के नाम के आगे "ओरछा धाम" जोड़ना महाप्रभु रामराजा सरकार का घोर अपमान है।
शास्त्रों में प्रसंग है, रामराजा सरकार की अलग संप्रभुता होगी
उन्होंने उल्लेख किया कि जिसका इतिहास गवाह है कि जब रामराजा सरकार अयोध्या से कुंवर गणेश पुख नक्षत्र में लेकर आई थी तब महाप्रभु श्री राम राजा सरकार ने उन्हें अवगत कराया था कि मेरी एक अलग संप्रभुता होगी। मेरा नाम एवं स्थान किसी के नाम का मोहताज नहीं रहेगा और यदि ऐसा किया जाता है तो राज्य व राजनीतिक सरकारें आने वाले समय में इसका दुष्परिणाम देखेंगे।
कांग्रेसका सच्चा सिपाही हूं इसलिए बता रहा हूं
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी का सच्चा सिपाही होने के नाते प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ से मांग की है कि ऐसी राजनीतिक षड्यंत्र कार्यों से सतर्क रहें। उन्होंने कहा कि हमारी कांग्रेस की प्रदेश में सरकार बड़ी मुश्किल से 15 वर्षों के बाद आई है और वह ऐसे स्वार्थी नेताओं के बहकावे में ना आएं। स्वयं आत्म अवलोकन कर इसका नाम पर विराम लगाने की मांग की है।