इंदौर। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 25 दिसंबर 2019 को मुख्यमंत्री कमलनाथ (Chief Minister Kamal Nath) ने ऐलान किया था कि वह मध्यप्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) एवं राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) लागू नहीं करेंगे। भारतीय जनता पार्टी के महासचिव एवं मध्यप्रदेश में भाजपा के पहली पंक्ति के नेता कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। श्री कैलाश विजयवर्गीय का कहना है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) सहित सभी राज्य सरकारों को अपने राज्यों में इस कानून को लागू करना ही पड़ेगा। यह उनकी संवैधानिक बाध्यता है।
इंदौर के सबसे ताकतवर बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने बुधवार को एएनआइ से कहा कि उन्हें (कमलनाथ) देश का संविधान पढ़ना चाहिए। एक बार एक बिल संसद द्वारा पारित हो जाता है और एक कानून बन जाता है तो सभी राज्य संविधान के अनुच्छेद 252 के तहत इसे लागू करने के लिए बाध्य हो जाते हैं। भारत के संविधान का भाग 11 केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच संबंधों को निर्धारित करता है। इसमें अनुच्छेद 245 से अनुच्छेद 263 शामिल है।
भाजपा कुछ भी करेगी उसका ओवैसी विरोध करेंगे
विजयवर्गीय ने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा ऐसी असंवैधानिक बातें कहना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है।ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी नागरिकता कानून का विरोध कर रहे हैं। इसके बारे में पूछे जाने पर, विजयवर्गीय ने कहा कि कुछ भी भाजपा करेगी उसका वे विरोध करेंगे।