MP में 1 लाख सरकारी नौकरियों से पहले, नौकरी नियम बदल रही है कमलनाथ सरकार

भोपाल। मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर सरकारी भर्ती का दबाव है। चुनाव में कांग्रेस ने चिल्ला चिल्ला कर वादा किया था कि सरकार बनते ही रिक्त पदों पर भर्ती की जाएगी परंतु 1 साल पूरा होने पाया भर्ती की शुरुआत तक नहीं हो पाई। अब सरकार भर्तियां तो करने जा रही है परंतु नौकरी के नियम भी बदल रही है ताकि कर्मचारियों को कम से कम वेतन देना पड़े और नए भर्ती हुए कर्मचारी अगले 3 साल तक कोई आंदोलन ना कर पाए। 

मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की परिवीक्षा अवधि बदली जाएगी

सूत्रों के मुताबिक सरकारी नौकरी में भर्ती के लिए प्रोबेशन पीरियड दो साल से बढ़ाकर सरकार तीन साल करने जा रही है। अब प्रदेश में भर्ती होने वाले सरकारी कर्मचारी और अधिकारी दो नहीं तीन साल में स्थाई माने जाएंगे, इन 3 सालों को परिवीक्षा काल (प्रोबेशन पीरियड) माना जाएगा।  इसके लिए मध्यप्रदेश सिविल सेवा सामान्य शर्ते 1961 में बदलाव किया जा रहा है। सामान्य प्रशासन विभाग इसका प्रस्ताव जल्द ही कैबिनेट में रखेगा। परिवीक्षा काल में कम वेतन दिया जाएगा, चौथे साल से पूरा वेतन मिलने लगेगा, वही पांचवे साल से वेतन वृद्धि होगी।

परिवीक्षा अवधि में पूरा वेतन नहीं मिलेगा

बताया जा रहा है कि परिवीक्षा अवधि में पहले साल न्यूनतम वेतन का 70 फीसदी, दूसरे साल 80 और तीसरे साल 90 फ़ीसदी वेतन दिया जाएगा। चौथे साल से पूरा वेतन मिलने लगेगा। वर्तमान में अभी कर्मचारियों को पहले महीने से ही पूरा वेतन मिलता है तीसरे साल से उसे प्रोबेशन पीरियड के 2 साल का इंक्रीमेंट दिया जाता है।

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्तियों पर भी यही नियम लागू होगा

सूत्रों के मुताबिक वित्त विभाग का मानना है कि तीन साल तक कम वेतन और पांचवे साल इंक्रीमेंट देने से हर साल करीब तीन हजार करोड़ की बचत होगी। बता दें कि प्रदेश में अभी बड़ी संख्या में भर्ती प्रस्तावित है इससे राज्य पर वित्तीय भार बढ़ेगा इस नियम से इसमें काफी राहत मिलेगी। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्ती पर भी यह नियम लागू किया जाएगा। मामला कैबिनेट में आने के बाद ही स्तिथि साफ होगी।

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