DFO राजीव मिश्रा जानकारी छुपा रहे थे, आयोग ने आँख दिखाई तो निकाल लाए, जुर्माना और कार्रवाई का नोटिस

भोपाल। सूचना के अधिकार के तहत भ्रष्टाचार के मामलों की जानकारी निकालना किसी युद्ध से कम नहीं है। जिम्मेदार अधिकारी न केवल जानकारी छुपाते हैं बल्कि जानकारी को छुपाए रखने के लिए झूठ भी बोलते हैं। वन विभाग के डीएफओ राजीव मिश्रा ऐसे ही एक मामले के आरोपी हैं। राज्य सूचना आयोग के आयुक्त राहुल सिंह ने उन्हें ₹25000 जुर्माना और अनुशासनात्मक कार्रवाई का नोटिस दिया है।

मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग के आयुक्त राहुल सिंह ने सतना में बाणसागर परियोजना के तहत डूब में आए पेड़ो के मुआवज़े की जानकारी समय सीमा में नही देने पर वन विभाग के खिलाफ सूचना आयोग की कड़ी कार्रवाई की है। अपीलकर्ता रामस्वरूप पटेल द्वारा अक्टूबर 2018 में उनके गाँव गंगासागर में डूब में आए पेड़ जी जानकारी मांगी गई थी। अपीलकर्ता का कहना है कि मुआवज़े में भारी भ्रष्टाचार हुआ था। पर पटेल को जानकारी नही दी गयी। इसके बाद पटेल ने अतुल खेड़ा मुख्य वन संरक्षक रीवा वृत के समक्ष शिकायत की। खेड़ा ने जब प्रथम अपील की सुनवाई की तो DFO हाज़िर नही हुए। खेड़ा ने बाद में DFO को अपीलकर्ता को जानकरी देने के आदेश दिए। पर CCF के आदेश के बावजूद DFO राजीव मिश्रा ने जानकारी नहीं दी। जानकारी नही मिलने पर अपीलकर्ता ने राज्य सूचना आयोग में शिकायत की। आयोग से सुनवाई का नोटिस मिलते है डीएफओ जानकारी के साथ सुनवाई के लिए आयोग के समक्ष हाज़िर हुए। 

जानकारी के नाम पर ऐसे नचाते है अधिकारी

आयोग में सुनवाई के दौरान जब राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने पूछा कि जानकारी समय सीमा में क्यों नही दी गयी तो डीएफओ राजीव मिश्रा ने बताया कि आवेदन में तारीख़ का जिक्र नहीं था इसलिए जानकारी नही दी गई। अपीलकर्ता ने उसी वक्त मिश्रा के जवाब का खंडन करते हुए आयोग को बताया कि यही जानकारी मिश्रा एक अन्य आवेदक को 12/07/2019 को उपलब्ध करा चुके थे। सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने मिश्रा को आयोग को गुमराह करने के लिए सचेत किया और कहा कि अपीलकर्ता के आवेदन पत्र में तारीख़ ही नहीं बल्कि पत्र क्रमांक का भी जिक्र है वही अगर तारीख़ का जिक्र नही था तो अब आयोग के समक्ष किस आधार पर जानकरी ढूंढ लाये?  ऐसे में मिश्रा का तर्क स्वीकार करने योग्य नही है। 

सूचना आयुक्त राहुल सिंह के सवालों के जवाब नही दे पाए डीएफओ

वही जब राज्य सूचना आयुक्त ने डीएफओ से पूछा कि जब यही जानकारी पहले दूसरे आवेदक को दिलाई जा चुकी है तो अपीलकर्ता को क्यों नही दी गई। सिंह ने मिश्रा से ये भी पूछा की जब मुख्य वन संरक्षक द्वारा भी प्रथम अपील में जानकारी देने के आदेश हुए तो भी जानकारी क्यों नही दी गई? तो मिश्रा इस बात का जवाब ही नही दे सके। 

सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने आदेश में कहा कि आयोग के आदेश के बाद डीएफओ ने जानकारी दी लेकिन समय सीमा का उल्लंघन करके घोर लापरवाही बरती है इसलिए मिश्रा के खिलाफ ₹25000 ज़ुर्माने एवं अनुशासनिक कारवाई के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए। 

अपीलकर्ता को ₹5000 मुआवज़ा देने का आदेश

अपीलकर्ता रामस्वरूप पटेल ने सुनवाई के दौरान सूचना आयुक्त राहुल सिंह को बताया कि वे आंख से विकलांग है और सहायक के साथ उन्हें चलना पड़ता है RTI के तहत जानकारी लेने के लिए रीवा, सतना भोपाल के कई चक्कर काटने पड़े एवं परेशानी का सामना करना पड़ा। इस पर राहुल सिंह ने वन विभाग से ₹ 5000 का मुआवजा देने का आदेश जारी किए। सिंह ने मुख्य वन संरक्षक अतुल खेड़ा को मुआवज़े की राशि अपीलकर्ता को दिलवाना सुनिश्चित करने को कहा है। 

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