सचिवालय को MLA की सदस्यता खत्म करने का अधिकार ही नहीं: शिवराज सिंह

भोपाल। मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में स्थित पवई सीट से बीजेपी विधायक प्रह्लाद लोधी की विधानसभा सदस्यता खत्म करने को लेकर प्रदेश का सियासी पारा गर्म हो गया है। विधानसभा में अपनी सदस्य संख्या कम होने को लेकर बीजेपी जहां इस मुद्दे पर विधानसभा सचिवालय़ की कार्रवाई पर सवाल उठा रही है, वहीं कांग्रेस पार्टी इसे विपक्षी दल के शासनकाल का परिणाम बता रही है। 

दोनों पार्टियों में छिड़ी तकरार से प्रदेश में सियासती माहौल फिर गर्मा गया है। ताजा बयान पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और वर्तमान सीएम कमलनाथ का आया है। शिवराज सिंह चौहान ने प्रह्लाद लोधी पर की गई कार्रवाई पर सवाल उठाया है। वहीं कमलनाथ ने कहा है कि यह बीजेपी के 15 साल के कारनामों का नतीजा है।

शिवराज बोले- एक दल को लाभ पहुंचाने का प्रयास

बीजेपी नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि विधानसभा सचिवालय को विधायक की सदस्यता खत्म करने का अधिकार नहीं है। राज्यपाल इस मामले में निर्वाचन आयोग से जानकारी लेकर कार्यवाही कर सकते हैं। शिवराज ने कहा है कि बीजेपी विधायक की सदस्यता को खत्म करना राजनीति से प्रेरित और एक दल को फायदा पहुंचाने की कोशिश है। शिवराज ने विधानसभा सचिवालय की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा है कि इस मामले को कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।

कांग्रेस का जवाब- शिवराज का बयान कोर्ट की अवमानना

प्रह्लाद लोधी की विधानसभा सदस्यता को लेकर आए शिवराज सिंह चौहान के बयान को कांग्रेस ने कोर्ट की अवमानना करार दिया है। वहीं, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि बीजेपी विधायक की सदस्यता का जाना बीजेपी नेताओं के 15 साल के कारनामों का नतीजा है। बहरहाल, बीजेपी विधायक की सदस्यता को खत्म करने के पीछे भले ही सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले को आधार बनाया गया हो, लेकिन मध्य प्रदेश में शुरू हुई इस सियासी उठा-पटक के जल्द थमने के आसार नहीं हैं।

इधर लोधी को भरोसा- अदालत करेगी इंसाफ

इधर, विधानसभा सदस्यता रद्द किए जाने के बाद भाजपा नेता प्रह्लाद लोधी ने कहा है कि उन्हें पूरा भरोसा है कि अदालत से इंसाफ मिलेगा। लोधी ने कहा, "मुझे जनता ने विधायक बनाया था और और मैं जनता का सेवक हूं और हमेशा रहूंगा। मुझे न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है। वैसे तो मुझे अदालत ने संबंधित मामले में जमानत भी दे दी थी और मुझे हाईकोर्ट जाने का समय भी दे दिया था।" प्रह्लाद लोधी ने कहा कि वे हाईकोर्ट में गुहार लगाएंगे और उन्हें पूरा विश्वास है कि वहां उनकी जीत होगी।

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