प्राथमिक शिक्षक को मंत्री के कहने पर भी वेतन नहीं दिया, तड़पते हुए मरा | EMPLOYEE NEWS

भोपाल। विगत 22 अक्टूबर 2019 को मंत्री ओमकार सिंह मरकाम आदिम जाति कल्याण विभाग के मंडला आगमन पर आजाद अध्यापक शिक्षक संघ मंडला ने मंत्री जी से मुलाकात कर मंडला जिला के बिछिया विकासखंड में रामनगर संकुल में कार्यरत प्राथमिक शिक्षक, श्री संतु लाल डिबरिया प्राथमिक शाला खर्राझर को 7 माह से वेतन ना मिलने और गंभीर रूप से बीमार होने और योगीराज हॉस्पिटल में भर्ती होने की जानकारी से अवगत कराया था तथा ज्ञापन देकर शीघ्र वेतन भुगतान की मांग की थी। 

जिस पर तत्काल कार्यवाही करते हुए विभागीय मंत्री ने सहायक आयुक्त मंडला की मौजूदगी में आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग भोपाल को मौके पर ही फोन लगाकर वेतन भुगतान के निर्देश दिए थे और सहायक आयुक्त मंडला को स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि किसी भी अध्यापक के वेतन से संबंधित समस्या के कारण कोई अहित ना हो त्वरित वेतन आहरित किया जाए बावजूद इसके सहायक आयुक्त मंडला विजय तेकाम और विकास खंड शिक्षा अधिकारी आत्मजीत सिंह की निरंकुशता के कारण श्री संतु लाल डिबरिया को वेतन भुगतान नहीं किया गया। 

गंभीर रूप से बीमार होने के कारण प्राथमिक शिक्षक योगीराज हॉस्पिटल मंडला से नागपुर के लिए रेफर कर दिये गये प्राइवेट अस्पताल का खर्च ना उठा पाने के कारण उन्हें प्राइवेट अस्पताल से सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया जहां उचित इलाज के अभाव में उन्होंने दम तोड़ दिया प्राथमिक शिक्षक अपने परिवार में तीन अविवाहित पुत्रियों को छोड़कर असमय ही काल कल्वित हो गए जिले में विभागीय अधिकारियों की निरंकुशता के कारण एक परिवार पूरी तरह बर्बाद हो गया।

मंडला जिले में सात सात माह से अध्यापक संवर्ग के शिक्षकों को वेतन नहीं दिया जा रहा है अधिकारियों के द्वारा भ्रष्टाचार करते हुए कुछ लोगों का वेतन तो जारी कर दिया गया लेकिन बहुत से लोगों का आज दिनांक तक वेतन भुगतान का प्रयास तक नहीं किया गया बी ई ओ बिछिया और बाबुओं के द्वारा अध्यापक शिक्षकों को आर्थिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है जिससे सात सात माह से वेतन न होने के कारण शिक्षक जान गवाने की स्थिति में भी आ गए हैं अधिकारियों की लापरवाही चरम पर है बार बार आवेदन निवेदन और ज्ञापन देने के बाद भी अधिकारियों के कान में जूं तक नहीं रेंग रही आजाद अध्यापक शिक्षक संघ मंडला के जिला अध्यक्ष संतोष सोनी ने बताया कि जिला और ब्लॉक में बैठे अधिकारियों ने अपनी निरंकुशता के कारण पूरी शिक्षा व्यवस्था को चौपट बना रखा है कर्मचारी शिक्षकों कोई भी कार्य सरलता से कभी नहीं किए जाते हैं।अधिकारियों और बाबू की लापरवाही का आलम यह है कि अब शिक्षक जान से जाने लगे हैं और अब उनका परिवार अनाथ होकर दर-दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर हो रहे हैं।

शिक्षक की जान की कीमत लगाई 50,000
विकास खंड शिक्षा अधिकारी बिछिया अपनी कारगुजारियों पर पर्दा डालते हुए प्राथमिक शिक्षक की मौत की जानकारी मिलते ही 50000 की राशि शिक्षक के परिवार को देकर मामले को दबाने का प्रयास किया गया जबकि शासन के द्वारा अनुग्रह राशि का प्रावधान है जिसके तहत अंतिम संस्कार के लिए बी ई ओ बिछिया के द्वारा तत्काल अनुग्रह राशि के देयक कोषालय में प्रस्तुत कर पीड़ित परिवार को सहायता राशि उपलब्ध कराना था। 

5 नवंबर से अध्यापक करेंगे अनिश्चितकालीन हड़ताल
आजाद अध्यापक शिक्षक संघ संतोष सोनी ने बताया कि अधिकारियों के इस बेपरवाह और निरंकुश रवैया से जिलेभर के अध्यापक शिक्षक साथियों में जबरदस्त आक्रोश है  दोषी अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही  किए जाने और सभी कर्मचारियों अध्यापक शिक्षक एवं अतिथि शिक्षकों के सभी सातों माह के वेतन भुगतान किए जाने तक आजाद अध्यापक शिक्षक संघ 5 नवंबर से बिछिया में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन   करेंगे।

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