आदरणीय महोदय जी, जैसा कि कुछ दिनों पूर्व लोकशिक्षण आयुक्त महोदय के पत्र के माध्यम से ज्ञात हुआ था कि म.प्र मे शिक्षक बनने हेतु नवीन नियमों के अनुसार डीएड,बीएड प्रशिक्षित होना एवं शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण करना आवश्यक है तो अब म.प्र पीईबी द्वारा आयोजित वर्ग 1 एवं वर्ग 2 शिक्षक पात्रता परीक्षा का परिणाम पीईबी द्वारा घोषित किया जा चुका है जिसमें अधिकांश अतिथि शिक्षक पास है व प्रशिक्षित भी है ऐसे में शासन को चाहिए कि वह पदों की संख्या मे वृद्धी करे व पूर्व घोषित पदों पर पुराने नियमों के अनुसार भर्ती करे व बढ़े हुए पदों पर अतिथि शिक्षकों को नियुक्ति प्रदान करे व इसके लिए प्रतिकार्य वर्ष उनको अनुभव के 5 अंक प्रदान करे जिससे वर्षो सेवा दे चुके प्रशिक्षित पीईबी उत्तीर्ण अतिथि शिक्षक नियमित शिक्षक बन सकें।
म.प्र मे कांग्रेस सरकार अपने वचन पत्र मे अतिथि शिक्षकों के नियमितिकरण संबंधी नीति बनाने का वचन देकर सत्ता मे आई थी और अब झाबुआ उपचुनाव मे सफलता के बाद कांग्रेस का अपना पूर्ण बहुमत सदन मे है। यदि सरकार अब भी अतिथि शिक्षकों पर जल्द अपनी नीति घोषित न कर सकी व बार आश्वासन देती रही तो यह प्रदेश की पहली सरकार होगी जिसने लिखित वचन दिया व पलटी खा गई। बढ़ी संख्या मे प्रदेश मे अंग्रेजी शिक्षक के पद रिक्त है। जिन पर बढ़ी संख्या में अतिथि शिक्षक वर्षों से हाईस्कूल एवं हायर सेकेन्ड्री विधालयों मे अंग्रेजी का अध्यापन कार्य करा रहे है। इनमे से हजारों अतिथि शिक्षक ऐसे है जो कि एम.ए अंग्रेजी साहित्य से है व डीएड होने के कारण वर्ग 1 परीक्षा मे आवेदन से वंचित रहे है क्योंकि वे बीएड नहीं है। जबकि वे वर्षों से सफलता पूर्वक शिक्षण कार्य करा रहे है व बोर्ड परीक्षाओं का अच्छा रिजल्ट भी दे रहे है व अन्य विषय से वर्ग 2 परीक्षा उत्तीर्ण भी है।
ऐसे मे उनको भी नवीन नीति बनाकर पात्रता परीक्षा प्रशिक्षण एवं संबंधित विषय मे परास्नातक होने के कारण उनके वर्षों के अनुभव के आधार पर नियमित किया जा सकता है इससे अंग्रेजी शिक्षकों की कमी भी पूरी होगी साथ ही अतिथिशिक्षक नियमितिकरण करने मे शासन को सुविधा भी होगी जो बीएड है उन्हे हाईस्कूल, हायरसकेन्ड्री एवं डीएड वालों को माध्यमिक शिक्षक बनाया जा सकता है।
सादर धन्यवाद
आशीष कुमार बिलथरिया
उदयपुरा जिला रायसेन म.प्र