जबलपुर। सिंगरौली की हवा दिल्ली से ज्यादा जहरीली हो गई है। यहां दिन हो या रात एयर क्वालिटी इंडेक्स यानी एक्यूआई का आंकड़ा मानक के करीब आने का तो नाम ही नहीं ले रहा है। वातावरण में मौजूद पीएम 2.5 और पीएम 10 पार्टिकल यहां पर हवा को जहरीली बनाने का काम कर रहे हैं।
पिछले तीन दिनों से आसमान पर छाए बादलों के कारण स्मॉग जैसी स्थिति बन गई है। चिमनियों से निकलने वाला धुआं आसमान की ऊंचाईयों को छू नहीं पा रहा है। एमपीपीसीबी (MPPCB) के पोर्टल में जो सिंगरौली का डाटा दिया जा रहा है वो वाकई चौंकाने वाला है। लेकिन, जानकारों के अनुसार हकीकत इससे कहीं ज्यादा भयावह है क्योंकि पोर्टल में दिखाए जा रहे आंकड़े महज एक क्षेत्र विशेष के हैं जबकि सासन, बंधौरा, जयंत, मोरवा, बरगवां में प्रदूषण की स्थिति नापी जाए तो शायद ही कोई सिंगरौली में रहना पसंद करेगा।
वातावरण में मौजूद 10 एमजीसीएम यानी माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर वाले धूल के करण भी सिंगरौली में मुसीबत का सबब बने हुए हैं। ये अपनी निर्धारित मात्रा से पांच से सात गुना ज्यादा मौजूद हैं। जिसके कारण लोगों को अब सांस लेने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सुबह के वक्त अपनी बेटी को रेलवे स्टेशन मोरवा छोडऩे गए वैढऩ के एक चिकित्सक का कहना था कि जयंत तिराहे से लेकर मोरवा स्टेशन तक ऐसा लगा नहीं कि शहर या कस्बे में चल रहे हैं बल्कि हमारे पूरे परिवार को यूं लगा जैसे किसी ब्लैक होल में चले जा रहे हों।