महाराजा सिंधिया के महामंत्री रहे आंग्रे परिवार के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज | GWALIOR NEWS

ग्वालियर। शहर के प्रतिष्ठित आंग्रे परिवार (Angre Family) के खिलाफ इंदौर के राजपरिवार (Royal family of indore) ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज (Fraud case filed) कराया है। आंग्रे परिवार पर आरोप है कि उन्होंने मंगलपूजा को शादी का नाम दे देकर फर्जी दस्तावेजों से शादी का पंजीयन भी करा दिया। जबकि धोखे का शिकार परिवार ग्वालियर आया ही नहीं और युवती ने समझौते के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में समझौते की पीटिशन दाखिल की है। जब शादी ही नहीं हुई तो समझौता किस बात का।

इंदौर निवासी अर्जुन सिंह पुत्र रिटायर्ड कर्नल अनिल काक (Arjun Singh's son retired Colonel Anil Kak) शैक्षणिक संस्थान का संचालन करते है और उनकी मां इंदौर राजधराने की सदस्य है। वर्ष 2018 में अर्जुन की शादी की बात ग्वालियर निवासी कात्यायनी आंग्रे पुत्री तुलाजी राव आग्रे (Katyayani Angre daughter Tulaji Rao Agra) से तय हुई। बातचीत तय होने के बाद कात्यायनी के पिता इंदौर पहुंचे और कात्यायनी की कुडंली में मंगलदोष बताते हुए अर्जुन और उसके पिता को मंगलदोष पूजा के लिए तैयार किया। बातचीत के बाद पूजा इंदौर में होना तय हुई। इसी बीच तुलाजीराव आंगे के गुरू पंडित अनिल आठले ने मंगलदोष की पूजा ऋषिकेश में करने की कहा। इसके लिए दोनों परिवार 17 अप्रैल 2018 को ऋषिकेश पहुंचे और वहां डिवाइन रिसर्ट होटल में ठहरे और 20 अप्रैल तक वहां पर रह कर पूजा अर्चना में शामिल हुए थे। पूजा के बाद वहां पर सगाई का कार्यक्रम हुआ।

सगाई के बाद तुलाजीराव आंग्रे के गुरु ने सगाई को ही सांकेतिक विवाह घोषित किया। सगाई होने के बाद जब तुलाजीराव व उनके गुरु ने इसे शादी का नाम दे दिया तो उन्होंने इसका पंजीयन ऋषिकेश से कराने की कहा, लेकिन उन्होंने शादी का पंजीयन ऋषिकेश की जगह ग्वालियर से करा दिया।

ग्वालियर में कराया शादी का पंजीयन

फर्जीवाड़े का खुलासा उस समय हुआ जब कात्यायनी ने दिल्ली हाईकोर्ट में समझौते के लिए पीटिशन दायर की। जब अर्जुन व उसके परिवार ने पड़ताल की तो पता चला कि शादी का पंजीयन ग्वालियर में 18 अप्रैल 2018 का हुआ था, जबकि इस दिन वे ऋषिकेश में थे और मंगलदोष पूजा करा रहे थे। इसका पता चलते ही वे ग्वालियर पहुंचे और पुलिस अफसरों से शिकायत की।

अर्जुन की शिकायत पर पुलिस ने कात्यायनी आंग्रे, तुलाजीराव आंग्रे, श्रीमती श्याम भावी आंग्रे, पण्डित अनिल आठले, श्वेता व्हीं फाकडे, प्रताप राव घोरपडे, चित्रलेखा आंग्रे और रमेश चंद्र आंग्रे के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
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