जबलपुर। बीमार पिता को दी जाने वाली दवा की 10 गोलियां खाने से ढाई साल के मासूम बालक की उपचार के दौरान नागपुर में मौत हो गई। उसे शनिवार को गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Medical College Hospital) से ले जाया गया था। हैरानी की बात यह है कि दवा के सेवन से मासूम को हुई समस्या का पता लगाने के लिए होने वाली पैथालॉजी जांच मेडिकल हब के रूप में पहचान बनाने में जुटे समूचे जबलपुर में नहीं हो पाई तथा एंटी डोज वाला इंजेक्शन भी यहां नहीं मिला।
मृत बालक की मां लक्ष्मी झारिया (Staff Nurse Laxmi Jharia) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्टाफ नर्स हैं। इकलौते बेटे को खो देने के गम में डूबी मां का दर्द छलक पड़ा। उन्होंने कहा कि बेटे को मेडिकल में भर्ती करने के बाद वे विशेषज्ञ को बुलाने की मांग करती रहीं लेकिन उन्हें पहुंचने में 12 घंटे से ज्यादा समय लगा। इस बीच बालक की सेहत गंभीर हो गई उसे वेंटीलेटर पर रखना पड़ा था। स्टाफ नर्स लक्ष्मी झारिया ने बताया कि उनके पति चर्म रोग से पीड़ित हैं। जिनकी दवाएं घर में आलमारी के ऊपर रखी थीं।
शुक्रवार शाम करीब साढ़े 7 बजे बेटे अनमोल ने 10 गोलियां खा ली थीं। वे घर पहुंची तो अनमोल हंसता-खेलता मिला, जिसे चिकित्सीय परामर्श के लिए वे मेडिकल ले गईं। बच्चा वार्ड में उसे भर्ती कर लिया गया। कुछ घंटे भर्ती रहने के बाद अनमोल की हालत बिगड़ने लगी और उसे वेंटीलेटर पर रख दिया गया।
पीड़ित मां लक्ष्मी झारिया ने बताया कि बेटे ने जिस दवा का सेवन किया था, उसका एंटी डोज इंजेक्शन समूचे जबलपुर में कहीं नहीं मिला। पैथालॉजी जांच की सुविधा भी नहीं थी। दवा के लिए नागपुर में संपर्क किया गया जो 24 घंटे बाद प्राप्त हुआ, तब तक बेटे की हालत गंभीर हो चुकी थी।