इंदौर। एक ही वक्त कुछ दिन पहले ही उसके पिता ने ढाई लाख रुपए की बाइक दिलाई थी बावजूद इसके उसने सुसाइड कर लिया। उसका सब उसी के कमरे में फांसी पर झूलता हुआ मिला। सबसे पहले शव को उसकी बहन ने देखा। लोग समझ नहीं पा रहे हैं कि जब उसे मनचाही भाई मिल ही गई थी तो फिर उसने आत्महत्या क्यों की।
रात को सबसे बढ़िया बात करके सोया था
छत्रीपुरा टीआई संतोष सिंह यादव के अनुसार राजमोहल्ला में रहने वाले 22 वर्षीय सतपाल उर्फ आनंद गौहर ने देर रात अपने कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी। सुबह जब परिजन ने उठकर देखा तो सतपाल ने अपना कमरा नहीं खोला था। इस पर उसके कमरे की खिड़की से झांककर देखा तो वह फंदे पर टंगा था। तत्काल दरवाजा तोड़कर उसे फंदे से उतारा गया। परिजन भी हैरान है कि आखिर उसने ऐसा क्यों किया, समझ नहीं आ रहा है। रात को भी वह सबसे अच्छे से बात करके सोया था।
नगर निगम का अस्थाई कर्मचारी था, कहीं नौकरी तो तनाव नहीं
पुलिस का कहना है कि सतपाल उर्फ आनंद गौहर इंदौर नगर निगम में अस्थाई कर्मचारी का। बता दें कि इस घटना के ठीक पहले ही नगर निगम कमिश्नर आशीष सिंह ने 26 कर्मचारियों को बिना कोई सुनवाई का अवसर दिए नौकरी से बाहर कर दिया था। कमिश्नर आशीष सिंह ने सभी का वेतन भी रोक लिया था। एक सवाल यह भी है कि कहीं नौकरी का तनाव ही तो आत्महत्या का कारण नहीं।