जबलपुर। जिला सत्र न्यायालय ने मिलावटी खाद्य सामग्री मिलने के आरोप में होटल प्रेस्टीज प्रिसेंस (hotel prestige princess jabalpur) के मालिक पराग अधोलिया व मैनेजर सुरजीत नंदी (Owner Parag Adolia and Manager Surjit Nandi) को दोषी पाया है। न्यायिक दण्डाधिकारी की अदालत ने दोनों आरोपियों को एक-एक साल की सजा व पांच-पांच हजार रुपये के जुर्माने से दण्डित किया है।
अभियोजन के अनुसार खाद्य विभाग के निरीक्षक अमरीश दुबे ने 17 जून 2011 को होटल प्रेस्टीज प्रिसेंस में निरीक्षण करके वहां उपयोग की जा रही नूडल्स को मिलावटी पाए जाने के शक पर उसका विधिवत नमूना लिया। सैम्पल सीलबंद करने के बाद जब आरोपी मैनेजर से हस्ताक्षर करने कहा तो उसने इंकार कर दिया। मौके पर कोई गवाह न होने से निरीक्षक के द्वारा स्वयं नमूनो पर हस्ताक्षर किये गये। इसके बाद उक्त नमूना जांच के लिये राज्य खाद्य प्रयोगशाला भेजा गया। जांच में नूडल्स का नमूना निर्धारित स्तर पर नहीं पाए जाने पर दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला तैयार कर कोर्ट में पेश किया गया। सुनवाई के बाद अदालत ने दोनों आरोपियों को दोषी पाते हुए सजा सुनाई। शासन की ओर से एडीपीओ दीपक बंसोड ने पैरवी की।
सी तरह एक अन्य मामले में मिलावटी दूध बेचने के दो आरोपियों को जिला अदालत ने दोषी करार दिया है। जेएमएफसी कोर्ट ने आरोपी सत्येन्द्र पटेल व धर्मेन्द्र पटेल को छ-छ माह की सजा व ढाई-ढाई हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। अभियोजन के अनुसार 27 मई 2011 को सुहागी क्षेत्र में दूध विक्रेताओ की जांच एवं निरीक्षण के दौरान खाद्य निरीक्षक देवकी सोनवानी ने कन्हैया डेयरी में जांच की। दुकान संचालकों के पास दूध, दही और घी बेचने का लाइसेंस नहीं था। दूध मिलावटी होने की आशंका उसका सैम्पल लिया गया और सीलबंद कर प्रयोगशाला में भेजा गया। पर एक दूध के डिब्बे में से डेढ लीटर दूध मानक स्तर की जांच हेतु लिया गया। जिसे सीलबंद कर राज्य खाद्य प्रयोगशाला भेजा गया। जांच में दूध का नमूना निर्धारित स्तर का न पाए जाने पर यह मामला कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने सुनवाई के बाद दोनों आरोपियों को दोषी पाते हुए सजा सुनाई। शासन की ओर से एडीपीओ दीपक बंसोड ने पैरवी की।