प्रति, मुख्य निर्वाचन आयुक्त भारत निर्वाचन आयोग महोदय, मध्यप्रदेश में चुनाव जैसे संवेदनशील कार्य मे भी मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय की भूमिका आर्थिक गड़बड़ी में ठोस सबूतों के साथ उजागर हुई है अतः उच्च स्तरीय जांच तत्काल प्रभाव से घोषित कर अपने संवैधानिक दायित्व का ईमानदार क्रियान्वयन सुनिश्चित करें।
मध्यप्रदेश मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय और मप्र लघु उद्योग निगम के जिम्मेदार अधिकारियों ने निजी फर्म के साथ मिलकर अनुचित निजी आर्थिक फायदे के लिए EVM हेतु स्तरहीन वोटिंग कंपार्टमेंट की 2017 और 2018 में जिलो में सप्लाई की गई जो करोड़ो रूपये का बड़ा घोटाला था। इस विषय पर मैंने तत्कालीन मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ओ पी रावत से भोपाल में 4 अक्टूबर 2017 को मिलकर शिकायत दी थी लेकिन कार्यवाही नही हुई।
वोटिंग कंपार्टमेंट पर मैंने भारत निर्वाचन आयोग और मप्र सरकार को कई दफा सबूतों के साथ शिकायत की किन्तु कोई कार्यवाही नही हुई। इस विषय पर एक महत्वपूर्ण ई मेल चुनाव 11 जुलाई 2018 को चुनाव आयोग को भेजकर कर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कांताराव की पदस्थापना का विरोध किया था क्योंकि श्री कांताराव ही मप्र लघु उद्योग निगम के प्रबंध संचालक थे जिन्होंने इस वोटिंग कंपार्टमेंट सप्लाई में विवादित भूमिका निभाई थी।
महालेखाकार कार्यालय मध्यप्रदेश ने भी फरवरी 2019 में ऑडिट निरीक्षण के दौरान मप्र मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय और जिला निर्वाचन कार्यालयों में वोटिंग कंपार्टमेंट की खरीदी और भुगतान में करीब 12 करोड़ रुपये की गड़बड़ी पकड़ी थी। उसके प्रतिवेदन के अंश और मेरी शिकायत संलग्न है।
हाल में ही मुझे सूचना मिली है कि बड़वानी जिले के जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय बड़वानी को दिनांक 3 अक्टूबर 2019 और 5 अक्टूबर 2019 को एक मोबाइल नंबर 9993635143 से वोटिंग कंपार्टमेंट के सम्पूर्ण देयकों के राशि भुगतान हेतु निर्देशित किया गया। फोन करने वाले स्वयं को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में पदस्थ होना बताया जिसे बड़वानी प्रशासन ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के नाम का दुरुपयोग का प्रकरण होना माना है।
गौरतलब है कि बड़वानी जिले में वोटिंग कंपार्टमेंट की सप्लाई मेसर्स लेजर ग्राफ़िक्स ने की है और इसकी निकट फर्म ने अन्य जिलों में सप्लाई करी है। लेजर ग्राफिक्स ने कई जिलों में वोटिंग कंपार्टमेंट की सप्लाई करी है जो जांच का मुद्दा है।
बड़वानी प्रशासन ने इस मुद्दे पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कांताराव को 10 अक्टूबर 2019 को सूचित किया लेकिन उन्होंने आज तक न जांच घोषित की न ही उनके नाम का उपयोग करने वाले के विरूद्ध FIR दर्ज कराई।यह सब उनकी भूमिका पर प्रश्नचिन्ह लगाता है।
मेरा निवेदन है कि चुनाव आयोग और मप्र सरकार चुनाव से अति संवेदनशील कार्यो में भ्रष्टाचार की जांच CBI से करवाये।
कृपया कार्यवाही से मुझे अवगत कराएं।
अजय दुबे
एक्टिविस्ट