नई दिल्ली। शिक्षक भर्ती घोटाला के कारण जेल में बंद अजय चौटाला का बेटा दुष्यंत चौटाला अब हरियाणा का उपमुख्यमंत्री होगा। उसके शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए अजय चौटाला को रिहा कर दिया गया। भाजपा और जजपा (जननायक जनता पार्टी) के बीच गठबंधन होते ही अजय चौटाला को रिहा कर दिया गया। घोटाले के दोषी अजय चौटाला को 2 हफ्ते की छुट्टी दी गई है। याद दिला दें कि सत्ता के नजदीक रहने वाले लोग दोष प्रमाणित होने पर भी जेल में नहीं रहते। या तो किसी नियम का फायदा उठाकर अपने घर सामान्य जिंदगी बिताते हैं या फिर अस्पताल में भर्ती हो जाते हैं।
बता दें कि हरियाणा में बीजेपी और जेजेपी ने साथ मिलकर सरकार बनाने का शुक्रवार को देर शाम फैसला किया। दुष्यंत चौटाला के बीजेपी को गठबंधन ऐलान के कुछ ही घंटों बाद उनके पिता को तिहाड़ जेल से 2 हफ्ते की फरलो मंजूर हो गई, जिसके बाद वो रविवार सुबह जेल से बाहर आ गए। दरअसल, जेल में बंद अच्छे व्यवहार करने वाले कैदी को कानूनी तौर पर एक साल में 49 दिनों की फरलो के लिए अनुमति दी जाती है। अजय चौटाला ने फरलो के अपने बचे हुए दिनों में से 14 दिन की मांग की थी, जिसके बाद जेल प्रशासन ने फरलो देने की अनुमति दी है।
क्या है फरलो
किसी भी सजायाफ्ता कैदी को जिसे 5 साल या उससे ज्यादा की सजा हुई हो और वो 3 साल जेल में अपनी सज़ा भी काट चुका हो। ऐसे में उसे साल भर में 7 सप्ताह फरलो दिए जाने का प्रावधान है। हालांकि इसमें शर्त ये है कि उसका कैदी का आचरण सही हो और वो आदतन अपराधी न हो। भारत का नागरिक हो, गंभीर अपराध का दोषी न हो।
ऐसे में कैदी को अपने परिवार से मिलने के लिए फरलो की अर्जी डीजी जेल के पास भेजनी पड़ती है। इसके बाद फिर डीजी इस मामला गृह विभाग के पास जाता है। ऐसे में गृह मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद फरलो मिलती है।