भोपाल। कमलनाथ सरकार द्वारा शुरू किए गए 'शुद्ध के लिए युद्ध' का उल्टा असर नजर आ रहा है। त्योहारी सीजन में मिठाइयों में मिलावट खत्म नहीं हो पाई लेकिन इस अभियान के कारण मिलावटी मिठाइयां भी महंगी हो गई। हालात यह है कि सरकार की इस अभियान के कारण ब्रांडेड घी जो पहले से ही शुद्ध होने का दावा करते थे ₹20 तक महंगे हो गए।
निजी वाहनों से आ रहा है मिलावटी मावा
भोपाल में मिलावटी मावे की आवक लगातार जारी है। अब तक बसों और ट्रेनों के माध्यम से भोपाल पहुंचाया जाता था परंतु अब निजी वाहनों से भेजा जा रहा है। बताने की जरूरत नहीं कि भोपाल में सबसे ज्यादा मिलावटी मावा चंबल संभाग से आता है। परिवहन में परिवर्तन करने के कारण मिलावटी कच्चे माल में भी महंगाई नजर आने लगी है। नतीजा जनता को मिलावटी मिठाइयां भी पहले से ज्यादा महंगी मिल रही है।
सरकारी अभियान त्यौहार पर निष्प्रभावी
शुद्ध के लिए युद्ध के नाम से शुरू किया गया सरकारी अभियान त्योहारी सीजन में बेअसर नजर आ रहा है। खाद्य विभाग की टीम बाजार में सक्रिय नजर नहीं आ रही है। मिलावटी माल पकड़ने की जिम्मेदारी पुलिस और रेलवे पुलिस को सौंप दी गई है। प्रतिष्ठित दुकानों पर मिलावटी मिठाइयों की कोई जांच नहीं नजर आ रही है। औपचारिकता के लिए जैसे हर साल सैंपल ही होती है वैसे ही इस बार भी हो रही है। जनता को मिलावट से बचाने के लिए जिस तरह की मुहिम की उम्मीद की गई थी वह कतई नजर नहीं आ रही है।