BHOPAL AIIMS में ब्लैक में बिक रहीं ओपीडी पर्ची, 10 रु की पर्ची 1500 रुपए तक

भोपाल। एम्स में मरीजों से ओपीडी पर्ची के नाम पर अवैध वसूली की जा रही थी। यह वसूली ओपीडी काउंटर पर बैठने वाले ऑपरेटर द्वारा की जा रही थी। इसकी शिकायत खुद एम्स प्रबंधन ने बागसेवनिया पुलिस से की है।

ओपीडी काउंटर पर आने वाले मरीजों को 10 रुपए की रसीद कटानी होती है, जबकि ये इसके एवज में 1500 रुपए तक वसूलते थे। इनके निशाने पर बाहर से आने वाले मरीज होते थे। रसीद काटने की जिम्मेदारी एम्स ने आउटसोर्स कंपनियों को दी है। ऐसे में ईशा और ट्राई दो कंपनियों की ओेर से ओपीडी काउंटर पर बतौर कम्प्यूटर ऑपरेटर अपने कर्मचारी तैनात किए गए हैं। 

तीन कर्मचारियों ईशा के जितेंद्र राठौर, ट्राई के दिव्यांश गुप्ता और सुशील द्विवेदी यहां लंबे समय से ड्यूटी कर रहे थे। पिछले दिनों एम्स प्रबंधन को इन पर संदेह हुआ था। जब इन पर नजर रखी गई तो अवैध वसूली किए जाने का पता चला। ऐसे में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सुनील चौहान ने इसकी शिकायत पुलिस से की थी। एम्स की मेडिकल सुप्रिटेंडेंट मनीषा श्रीवास्तव का कहना है कि पुलिस जांच के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।

जून से अब तक की जा रही थी वसूली

पुलिस ने तीनों आरोपियों के कम्प्यूटर जब्त कर लिए हैं। इनके डाटा की पड़ताल की जाएगी। अब तक की पड़ताल में जून से अब तक अवैध वसूली की पता चल चुका है। चूंकि, ये कर्मचारी सालों से यहां नौकरी कर रहे हैं। जितेंद्र छह साल, दिव्यांश और सुशील दो-दो साल से यहां नौकरी कर रहे हैं। पुलिस को आशंका है कि अवैध वसूली का काला कारोबार लंबे समय से चल रहा होगा। पुलिस कम्प्यूटरों के साथ ही पुराना रिकॉर्ड भी खंगाल रही है।
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