मप्र कर्मचारियों को 3% डीए नामंजूर, पूरा 5% ही चाहिए

भोपाल। केंद्र सरकार हर छः माह में अपने कर्मचारियों/पेंशनरों को मूल्य सूचकांक आधारित डीए/डीआर दे रही है। वर्तमान में यह दर 12% है इसी क्रम में बढ़ती महंगाई के चलते गणनानुसार जुलाई 2019 से 5% डीए देय हो चुका है, इसके आदेश निकट समय में कभी भी हो सकता है जो 17% हो जाएगा। 

मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार ने कहा कि इसी क्रम में प्रदेश सरकार को निर्णय लेना चाहिए। प्रकाशित समाचारों के अनुसार प्रदेश में 5% के बजाय 3% देने की तैयारी की जा रही है जो न्याय संगत नहीं है। डीए बढ़ती महंगाई के चलते वेतन स्तर को बनाये रखने का आर्थिक माध्यम है। सरकार या तो महंगाई पर लगाम लगाये या मूल्य सूचकांक आधारित डीए/डीआर  दे कर कर्मचारियों/पेंशनरों की क्रय शक्ति बरकरार रखे। 

सरकार ने सातवें वेतनमान के आधार पर अभी तक गृह भाड़ा भत्ता तो स्वीकृत नहीं किया उल्टे डीए में कटौती का मानस बनाया जा रहा है जो न्याय संगत नहीं है। डीए/डीआर कर्मचारियों/पेंशनरों को आर्थिक सहारा देता है इससे छेड़छाड़ व कमी से इस वर्ग में भारी नाराजगी व आक्रोश व्याप्त होगा। प्रदेश सरकार से निवेदन है कि केंद्रीय दर पर ही डीए/डीआर दिया जावे ताकि दीपावली के समय कर्मचारियों/पेंशनरों के घरों में दीया रोशन हो सके।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!