जबलपुर। घंटाघर के समीप स्थित सिंधी समाज की धर्मशाला को मिलने वाले किराए में करीब 10 करोड़ रुपए की गड़बड़ी की शिकायत की गई है। सिंधी समाज के जितेंद्र माखीजा ने करोड़ों के गबन का आरोप लगाते हुए इसके लिए नंदलाल कुंगानी व करतार सिंह बठीजा को दोषी ठहराया है। दोनों पर आरोप है कि लगभग 10 साल से वे सिंधी समाज की धार्मिक संपत्ति पर अनाधिकृत रूप से कब्जा जमाए बैठे हैं और फर्जी रसीदें छपवाकर किराया वसूली में करोड़ों का गोलमाल कर रहे हैं।
एसपी और टीआई जांच में देरी कर रहे हैं
माखीजा ने पुलिस अधीक्षक, ओमती थाना में शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है जिसकी जांच की जा रही है। उन्होंने ओमती थाने के पूर्व टीआई नीरज वर्मा और एसपी अमित सिंह पर शिकायत की जांच में देरी कर गबन करने वालों के सहयोग का आरोप लगाया है।
45 और 25 हजार रुपए किराया
शिकायतकर्ता माखीजा ने बताया कि सिंधी धर्मशाला में किसी आयोजन के लिए आम नागरिकों से 45 हजार तथा सिंधी समाज के लोगों से 25 हजार रुपए किराया वसूल किया जाता है। कुंगानी और बठीजा एक दशक से समाज की धर्मशाला पर अनाधिकृत रूप से कब्जा जमाकर होने वाली आय में गोलमाल कर रहे हैं।
धर्मशाला के संबंध में उन्होंने जो दस्तावेज एकत्र किए हैं उसका अध्ययन करने पर 10 करोड़ से ज्यादा के गबन के प्रमाण मिलते हैं। इस गोलमाल में फर्जी रसीद नंदलाल कुंगानी ने जारी की थी और करतार सिंह हिस्सा लेते थे। भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक की भी इस गोलमाल में भूमिका उजागर हुई है।
अप्रैल में की थी शिकायत, जांच अब तक अधूरी
शिकायतकर्ता जितेंद्र माखीजा ने बताया कि सिंधी धर्मशाला में हुए करोड़ों के गबन की शिकायत उन्होंने अप्रैल 2019 में पुलिस अधीक्षक और ओमती थाने में की थी। कई माह बीत जाने के बाद भी जांच लंबित हैं जबकि उन्होंने पुलिस को दस्तावेज भी सौंपे थे। न जांच पूरी हो पाई न पुलिस ने दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। जांच को प्रभावित करने के लिए गबन करने वालों ने गवाही में कुछ लोगों के नाम उनसे अनुमति लिए बगैर लिखवा दिए।
ऐसे किया गोलमाल, कर रहे अवैध निर्माण
शिकायतकर्ता ने बताया कि सिंधी सेवक सभा के नाम पर नंदलाल कुंगानी और करतार बठीजा ने गोलमाल किया है। उन्होंने संस्था का फर्जी पंजीयन कराया है जो कि फर्म एंड सोसायटी में पंजीकृत नहीं है। संस्था का कोई स्थायी कार्यालय भी नहीं है।
उन्होंने बताया कि धर्मशाला की दूसरी मंजिल पर कुंगानी और बठीजा द्वारा 14 कमरों का होटल अवैध तरीके से बनाया जा रहा है। नगर निगम ने अवैध निर्माण को तोड़ने के निर्देश दिए हैं। लेकिन नगर निगम का जिम्मेदार विभाग भाजपा नेता के दबाव में अतिक्रमण को नहीं हटा रहा है।
बचाने के लिए कर दी FIR
शिकायर्ता ने बताया कि गबन के आरोपितों को बचाने के लिए ओमती पुलिस ने काल्पनिक घटना पर एफआईआर दर्ज कर ली। 21 अक्टूबर को उनके खिलाफ ओमती थाने में धारा 384, 294, 506 के तहत प्रकरण दर्ज कराया गया था। जिसमें नंदलाल और करतार ने स्वयं को धर्मशाला का ट्रस्टी बताया गया है। शिकायकर्ता ने कहा कि पूर्व में पुलिस दोनों को ट्रस्टी नहीं मान रही थी, लेकिन अब उन्होंने ट्रस्टी बनकर एफआईआर करा दी।
शिकायतकर्ता के खिलाफ ओमती थाने में एफआईआर दर्ज है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। 10 करोड़ के गबन के आरोप झूठे हैं। यदि किसी तरह का गबन हुआ तो किसी भी एजेंसी से जांच कराई जा सकती है। हकीकत सामने आ जाएगी। धर्मशाला में पहले सिर्फ 5 हजार रुपए किराया लिया जाता था। करीब डेढ़ वर्ष पूर्व ही किराया बढ़ाया गया। -करतार सिंह बठीजा, ट्रस्टी सिंधी धर्मशाला