भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग अब और हाईटेक हो रहा है। कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक के स्कूली छात्रों का परीक्षा परिणाम एक क्लिक पर मुख्यालय पहुंचने लगेगा। इसके लिए विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। विभाग ने गूगल ड्राइव पर एक लिंक तैयार करने की योजना बनाई है। इसमें विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम अपलोड कर दिया जाएगा। जिससे जिले से लेकर भोपाल तक के अधिकारी अपने कंप्यूटर पर एक क्लिक कर पूरे प्रदेश का परीक्षा परिणाम देख सकेंगे। नई तकनीक का उपयोग होने से सबसे ज्यादा फायदा प्राचार्यों को होगा। अभी परीक्षा परिणाम मुख्यालय तक पहुंचाने में एक महीने या इससे ज्यादा समय लग जाता है।
हर स्कूल का आधिकारिक जीमेल आईडी होना जरूरी
गूगल ड्राइव पर परीक्षा परिणाम अपलोड करने के लिए सभी स्कूलों को गूगल अकाउंट पर अपनी जी-मेल आईडी बनाना होगी। इसके जरिए ही गूगल ड्राइव पर परीक्षा परिणाम अपलोड किया जा सकेगा। प्राचार्यों को ड्राइव का इस्तेमाल करने के लिए विभाग द्वारा लॉगइन आईडी और पासवर्ड भी जारी किए जाएंगे।
प्राचार्य पर होगी परिणाम अपलोड कराने की जिम्मेदारी
स्कूल के विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम जारी होते ही इसे गूगल ड्राइव पर अपलोड कराने की जिम्मेदारी प्राचार्य पर होगी। करीब 3 माह पहले कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक की कक्षाओं का तिमाही परीक्षा का परिणाम आया है। प्रयोग के तौर पर रतलाम जिले के प्राचार्यों ने इसे गूगल ड्राइव पर अपलोड किया है। विभाग ने जिले के प्राचार्यों के इस काम को सराहा है।
परिणाम सुधारने के लिए यह सारी कवायद
स्कूल शिक्षा विभाग बोर्ड परीक्षा के अलावा अन्य परीक्षाओं में सरकारी स्कूलों का रिजल्ट सुधारने के लिए मिशन रिजल्ट इंप्रूवमेंट अभियान के तहत यह पूरी कवायद कर रहा है, हालांकि अभी जिले में मैनुअली रिजल्ट आने के कारण पूरे जिले का रिजल्ट एकत्र करने में करीब 3 महीने का वक्त लग गया। इससे रिजल्ट की समीक्षा अक्टूबर माह आधा गुजर जाने के बाद हो पाई है। हालांकि अधिकारियों ने आने वाले 70 दिनों में जिले के रिजल्ट को सौ फीसदी पर लाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं।
विद्यार्थियों की ग्रेड के साथ शिक्षकों की स्थिति भी बतानी होगी
रिजल्ट सुधारने के लिए विभाग ने विद्यार्थियों के लिए अंकों के आधार पर अलग-अलग ग्रेड भी तय की है। गूगल ड्राइव पर इस ग्रेड के आधार पर ही विद्यार्थियों का रिजल्ट अपलोड करना होगा। इसके अलावा स्कूल में विषयवार शिक्षकों की स्थिति भी बतानी होगी। विषयवार नंबर अपलोड करने से तुरंत मालूम पड़ेगा कि कौन सा विद्यार्थी किन-किन विषय में कमजोर है। ताकि उन विषयों पर ध्यान दिया जा सके।
अंकों के आधार पर बनाई गई हैं यह ग्रेड / ग्रेड प्रतिशत
ए-प्लस 85-100
ए 75-84
बी 60-74
सी 45-59
डी 33-44
ई-1 20-31
ई-2 0-19