रतलाम। एक वोट से जीते सरपंच के खिलाफ जावरा एसडीएम कोर्ट में दायर पिटीशन को खारिज करवाने के लिए 15 हजार रुपए की रिश्वत लेने वाला स्टेनो छबलदास लालवानी गुरुवार को सजा सुनते ही न्यायालय में बेहोश हो गया। कर्मचारियों ने उठाकर उसे बैंच पर लिटाया। थोड़ी देर बाद सामान्य होने पर कोर्ट ने जेल वारंट बनाकर उसे जेल भिजवा दिया। भ्रष्टाचार मामलों के विशेष न्यायाधीश राजेंद्रकुमार दक्षणि ने उसे 4 साल कारावास और 7 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।
मामला क्या है
बड़ोदिया (जावरा) निवासी दरबारसिंह ने 18 जनवरी 2010 को रेवास सरपंच पद का चुनाव एक वोट से जीता था। हारे प्रत्याशी कालूसिंह ने पुन: मतगणना के लिए एसडीएम कार्यालय में पिटीशन दायर की। स्टेनो छबलदास ने पिटीशन खारिज करवाने के लिए रिश्वत की मांग की। 12 अगस्त 2010 को उसे दरबार सिंह से रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया था।
आरोपी की पत्नी ने किया इमोशनल ड्रामा
सजा सुनते ही आरोपी छबलदास सीने में दाहिनी तरफ हाथ रखकर बेहोश हो गया। स्टाफ और कर्मचारियों ने संभाला और पानी पिलाया तभी कोर्ट रूम के बाहर बैठी उसकी पत्नी अंदर आ गई। रोते हुए पत्नी ने कहा- न्यायाधीश उसके सपने में आए थे और छबलदास को बरी करने का आश्वासन दिया था। न्यायाधीश दक्षणि को वह भाई बताने लगी। न्यायाधीश दक्षणी ने फैसला सुना देने का हवाला देते हुए उसे बाहर करने के निर्देश दिए।