नई दिल्ली। हिंदू धर्म के तीज-त्यौहार का दौर हर महीने जारी रहता है. इसी कड़ी में अब लोग ऋषि पंचमी की बड़ी ही बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. दरअसल ऋषि पंचमी का पावन पर्व का व्रत इस बार 3 सितंबर यानी मंगलवार को मनाया जाएगा. ऋषि पंचमी के बारे में शास्त्रों और पुराणों में अलग-अलग मान्यताएं है. ऋषि पंचमी के दिन महिलाएं व्रत रखती हैं, जिससे उन्हें अपने जीवन में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है.
गणेश चतुर्थी के पावन पर्व से एक बाद ऋषि पंचमी व्रत भाद्रपद मास की शुल्क पक्ष की पंचमी के दिन रखा जाता है. महिलाओं के लिए यह व्रत काफी लाभदायक साबित होता है. ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं, ऋषि पंचमी व्रत के शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि के बारे में.दरअसल ऋषि पंचमी व्रत के महत्व के बारे में विशेष प्रचलन इस बात का है अगर किसी स्त्री से अपने जीवन में किसी कारण से कोई पाप कर दिया है और वह उसके परिणाम के भुगत रही तो वह ऋषि पंचमी के दिन व्रत रख उस पाप से मुक्ति पा सकती है.
ऋषि पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त / RISHI PANCHAMI PUJA KA SHUBH MUHURAT
इसके साथ-साथ शुहागिन महिलाओं को ऋषि पंचमी व्रत को रखने मनचाहा फल प्राप्त होता है. बता दें कि ऋषि पंचमी व्रत में महिलाएं सप्तऋषि की विधि विधान से पूजा करती हैं.इसके अलावा हम बताएंगे इस बार के ऋषि पंचमी व्रत का शुभ मुहूर्त के बारे में कि कौन सा वह समय होगा जब महिलाएं ऋषि पंचमी व्रत को रखें और पापों से छुटकारा पा सकेंगी. ऋषि पंचमी व्रत का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 5 मिनट से शुरू हो जाएगा. जो दोपहर 1 बजकर 36 मिनट जारी रहेगा. ऐसे में ऋषि पंचमी व्रत के लिए यह समयकाल काफी शुभ माना जा रहा है.
ऋषि पंचमी व्रत पूजा विधि / RISHI PANCHAMI VRAT KI POOJA VIDHI
ऋषि पंचमी के दिन महिलाएं सूर्य निकलने से पहले स्नान करें.
इसके बाद महिलाएं पूजा स्थान पर चौक बनाकर सप्तऋषि की प्रतिमा बनाती हैं.
ऐसा करने के साथ ही कलश स्थापना कर, घी, धूप-दीप जलाकर, फल आदि का भोग लगाकर पूजा करें.
ध्यान रखें व्रत रखने वाली स्त्री अनाज का भूलकर भी सेवन न करें.
इसके अलावा महिलाएं उद्यापन के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं.