खदानों से मोटा पैसा कमाएगी कमलनाथ सरकार | MP NEWS

भोपाल। मध्य प्रदेश की जनता पर बेतहाशा टैक्स थोपने के बावजूद प्रदेश का सरकारी खजाना खाली है। 2 लाख करोड़ के कर्ज में डूबे प्रदेश को उबारने के लिए मुख्यमंत्री कमल नाथ प्रदेश के खनिज भंडारों पर काम करना शुरू कर दिया है। बता दें कि खनिज हमेशा से मध्यप्रदेश की आय का सबसे बड़ा स्त्रोत रहे हैं परंतु माफिया से अपवित्र मित्रता के चलते इसे सरकारी कमाई का जरिया नहीं बनने दिया गया। 

 कीमती खनिजों के खनन की समयबद्ध योजना बनायें

सीएम कमलनाथ ने कहा खनिज उत्पादन भविष्य की अर्थ-व्यवस्था का आधार है। मध्यप्रदेश में कीमती खनिजों का भंडार है, जिसका उपयोग राज्य के विकास के लिए जितनी जल्दी करें, उतना जनता के हित में होगा। मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में भारत सरकार की मिनी रत्न कंपनी  मिनरल एक्सप्लोरेशन कार्पोरेशन लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करते हुए कहा कि वे मध्यप्रदेश को अपनी प्राथमिकता का प्रदेश बनायें। कोयला और चूना पत्थर के अलावा प्रदेश में कई बहुमूल्य खनिज हैं, जो भविष्य की अर्थ-व्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। श्री कमल नाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि कीमती खनिजों के खनन की समयबद्ध योजना बनायें।

बुंदेलखण्ड और महाकौशल में भंडार

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण के पास उपलब्ध खनन और भण्डारण की बहुमूल्य जानकारी का उपयोग कर खनन का काम तत्काल शुरू करने की तैयारी करें। एम.ई.सी.एल. के पास इसका उपयोग करने की क्षमता और विशेषज्ञता है। खनिजों के उत्खनन की समय-सीमा निर्धारित कर योजना बनायें। राज्य शासन पूरा सहयोग करेगा। मैगनीज, बाक्साइट, ग्रेफाईट, आयरन ओर एवं रेडियम, वेनेडियम जैसे मूल्यवान खनिजों के खनन पर ध्यान दें, जिनके भण्डारण की जानकारी उपलब्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बुंदेलखण्ड, महाकौशल और प्रदेश के पश्चिम भाग में इन खनिजों के कीमती भंडार उपलब्ध हैं। प्रत्येक खनिज की अलग नीति बनाकर काम शुरू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि कोयला खनन की नीति डायमंड अथवा मैगनीज पर लागू नहीं हो सकती।

बैठक में खनिज मंत्री श्री प्रदीप जायसवाल, मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहन्ती, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री अशोक वर्णवाल, प्रमुख सचिव उद्योग श्री राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव खनिज श्री नीरज मंडलोई और एम.ई.सी.एल. के अध्यक्ष तथा मुख्य महाप्रबंधक डा. रंजीत रथ उपस्थित थे।

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