जबलपुर। नगर निगम अपने पहले के बने-बनाए उद्यानों की तो देख-रेख कर नहीं पा रहा है और ऊपर से और नए चार उद्यान बनाने के लिए टेंडर जारी कर चुका है। पूर्व में एक दिन के उद्यानों की बदहाली किसी से छुपी नहीं है, इसी तरह ऐन ननि मुख्यालय के सामने स्थित नेहरू उद्यान (Nehru Gardens) तो उद्यान कम कबाड़खाना ज्यादा लगने लगा है।
हाल ही में नगर निगम ने 4 नए उद्यानों के लिए टेंडर निकालें हैं। ये चारों उद्यान शहर में विभिन्न जगहों पर बनना हैं। पर्यावरण व स्थानीय जनों की सुविधा के लिए नए उद्यान बनाए जाने से किसी को आपत्ति नहीं है,मगर विगत सालों में जो उद्यान बनाए गए हैं उनकी मौजूदा हालत पर भी नजर डालना आवश्यक है। रखरखाव के अभाव में ये उद्यान पूरी तरह से बदहाल हो चुके हैं और यहां पर सिवाय झाड़झंकाड़ के कुछ नहीं बचा है।
नगर निगम के तत्कालीन निगमायुक्त वेदप्रकाश ने शहर में 3 ऐसे उद्यान बनाए थे जो एक दिन में बनाकर तैयार किए गए थे। निगमायुक्त का मंतव्य था कि नगर निगम यदि चाहे तो एक दिन में भी उद्यान बना सकती है। यहां तक तो ठीक मगर उद्यानों को बनाकर इनका मेंटेनेंस करने में नगर निगम ने कतई रुचि नहीं दर्शाई जिसके कारण ये उद्यान अब झाड़-झंकाड़ और बदहाली का प्रतीक बन चुके हैं। ऐसे उद्यानों में रानीताल मुक्तिधाम के पास का उद्यान, चेरीताल वार्ड अंतर्गत सरस्वती कॉलोनी का उद्यान सहित अधारताल में एक उद्यान शामिल हैं।
इनके हाल भी अच्छे नहीं
यहां तक कि मुख्यालय के सामने बने नेहरू पार्क जिसका एक समय में शहर के नागरिकों में खास आकर्षण था के हाल अब बेहद बुरे हैं। यहां पर पहले कभी शेर से लेकर मगर,चीतल,मोर,सेही आदि जीव देखने मिलते थे। केन्द्र के द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद यहां पर जानवर तो देखने नहीं मिलते मगर कम से कम उद्यान का रखरखाव अच्छी तरह से हो तो लोगों की आवाजाही यहां पर बनी रहे,मगर उद्यान के हाल पीपुल्स समाचार द्वारा ली गई फोटो से स्पष्ट हो रहा है।
ये हैं नए बनने वाले उद्यान
* हुसैनी ग्राउंड के चारों ओर बाउंड्री व फिलिंग कार्य के लिए 21.25 लाख
* शिवाजी नगर एकता उद्यान का विकास कार्य हेतु 13.43 लाख
* विजय नगर में शिव मंदिर उद्यान के लिए निर्माण और जीर्णोद्धार के लिए 20.20 लाख रुपए
* भंवरताल,आईएसबीटी,संग्राम सागर की वार्षिक निविदा के लिए 69.04 लाख