हनी ट्रैप: प्रमुख सचिव (IAS) और GWALIOR का बिल्डर भी रैकेट में शामिल, CM के पास सबूत

Bhopal Samachar
भोपाल। हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप मामले में बड़ा खुलासा हो रहा है। सीएम कमलनाथ को मिली एक शिकायत में प्रमुख सचिव स्तर के आईएएस अफसर एवं ग्वालियर के बिल्डर की कुंडली भेजी गई है। बताया गया है कि ये दोनों और हनी ट्रैप मामले में गिरफ्तार एक महिला व उसका पति आपस में कनेक्टेड थे। आईएएस अफसर व बिल्डर ने इस दंपत्ति से कई अफसरों के वीडियो बनवाए और उन्हे ब्लैकमेल किया गया। शिकायत के साथ कुछ प्रमुख भी भेजे गए हैं। 

सीनियर IAS अफसर का अश्लील वीडियो भी बनाया था

प्रमुख सचिव, बिल्डर और गैंग की गठजोड़ का खुलासा होने के बाद हनी ट्रैप मामला और भी सुर्खियों में आ गया है। सीएम कमलनाथ को दिए गए शिकायती पत्र में कहा गया है कि कृषि मंत्रालय में सक्रिय रहा यह गठजोड़ सरकार के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को फंसाने और उन्हें ब्लैकमेल करने का धंधा चलाता था। सीनियर IAS अफसरों को फंसाने या विभाग के सरकारी आदेशों के जरिए लोगों को ब्लैकमेल करने में यह गैंग सक्रिय थी। बताया गया है कि इस गैंग ने सीनियर IAS अफसर का अश्लील वीडियो भी बनाया था। 

मंत्रालय में बिल्डर, आरोपी दंपत्ति के साथ दिनभर घूमता रहता था

मंत्रालय के एक प्रमुख सचिव के साथ ग्वालियर के बिल्डर और हनी ट्रैप गैंग में शामिल आरोपी दंपत्ति, अधिकारियों को ब्लैकमेल करते थे। मंत्रालय में बिल्डर, आरोपी दंपत्ति के साथ दिनभर घूमता रहता था। शिकायत के साथ कुछ तस्वीरें भी भेजी  गईं हैं जिसमें बिल्डर, आरोपी दंपत्ति आर प्रमुख सचिव नजर आ रहे हैं। 

कंपनियों को करोड़ों का सरकारी काम दिलाया

हनी ट्रैप गैंग ने सबसे ज्यादा कृषि विभाग में ट्रांसफर-पोस्टिंग के साथ व्यापारी और कंपनियों को करोड़ों का सरकारी काम दिलाया। ग्वालियर का बिल्डर प्रमुख सचिव पारिवारिक मित्र बताए जाते हैं। शिकायत में दो मोबाइल नंबरों पर हुई बातचीत की जांच की मांग की गई है। मंत्रालय में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच करने की मांग की गई है। 

दूसरे विभागों में अपनी पैठ जमा ली थी

विभागीय आदेश की कॉपी दिखा कर अधिकारी-कर्मचारियों के साथ कंपनी, व्यापारियों समेत कई लोगों को ब्लैकमेल किया गया है। बताया गया कि प्रमुख सचिव की मदद से गैंग ने मंत्रालय के दूसरे विभागों में अपनी पैठ जमा ली थी। वहां भी इसी तरह से वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर ब्लैकमेलिंग के साथ ट्रांसफर-पोस्टिंग और लोगों को सरकारी काम दिलाने का धंधा चल रहा था।

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