मुरैना। मुरैना की मिट्टी में देश के सपूतों की हजारों कहानियां दबी हुईं हैं। हाल ही में एक शिलालेख मिला। इसी के साथ पता चला कि ग्रेट वर्ल्ड वॉर यानी प्रथम विश्व युद्ध में भी मुरैना के सपूतों ने भाग लिया था और अपने वचन को निभाते हुए शहीद हो गए थे। ग्वालियर रियासत ने उनकी याद में शिलालेख लगवाया था।
खंडोली से शिलालेख मिला
मुरैना के जरा तहसील के गांव खंडोली से 12 लोगों के जाने का एक शिलालेख मिला है। यह लोग पलटन में भर्ती होकर प्रथम विश्व युद्ध में लड़ने के लिए तो गए थे, लेकिन लौटकर नहीं आए। जिला पुरातत्व अधिकारी ने इस शिलालेख को गांव से लाकर संग्रहालय में रखा है। ग्वालियर रियासत से जुड़े संग्रहालय में रखे दस्तावेजों को खंगालने का काम किया जाएगा, ताकि मुरैना से जाने वाले ऐसे लोगों को पहचान की जा सके।
खंडोली से 12 और तोमर घार के हरीचे संगोली से 14 गए थे
प्रथम विश्व युद्ध यानी कि ग्रेट वर्ल्ड वॉर 1914 से 1919 तक में मुरैना जिले से कितने लोग गए होंगे इसका प्रमाण तो नहीं है, लेकिन पुरातत्व विभाग के मुताबिक खंडोली गांव से 12 और तोमर घार के हरीचे संगोली से 14 लोगों के जाने का शिला लेख मिले। इन शिलालेखों पर ग्वालियर रियासत का मोनो बना हुआ है और ग्वालियर स्टेट लिखा है, जिसके नीचे ग्रेट वर्ल्ड वॉर 1919 से 1914 तक जाने वाले लोगों की संख्या और उस गांव का नाम अंकित है।