भोपाल। मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार शासकीय देवस्थान प्रबंध नियम 2019 बनाने जा रही है। इस नियम के तहत मंदिर के मामलों में प्रशासनिक दखल बढ़ जाएगा। मंदिर की आय का 10 प्रतिशत सरकारी खजाने में जमा कराना होगा। एक प्रकार से यह 10 प्रतिशत टैक्स है जो मंदिरों की आय पर लगाया जा रहा है।
होशंगाबाद के कलेक्टाेरेट में जिला स्तरीय शासकीय देवस्थान प्रबंध समिति की पहली बैठक में विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा, विधायक विजयपाल सिंह, नपाध्यक्ष अखिलेश खंडेलवाल, जिपं अधयक्ष कुशल पटेल एवं विधायक सिवनीमालवा के प्रतिनिधि ने शासकीय देवस्थान प्रबंध नियम 2019 पर आपत्ति दर्ज करवाई। विधायक डॉ. शर्मा ने कहा इस नियम से शासन देवस्थानों (जो कि आस्था का केंद्र होते हैं) उन पर प्रशासन के द्वारा अपना कब्जा करना चाहता है। हिन्दू समाज कभी स्वीकार नहीं करेगा कि शासन - प्रशासन उनके धार्मिक मामलों में दखल दें।
विधायक ने शासन द्वारा देवस्थान की आय के 10 फीसदी वसूले जाने के प्रस्ताव पर भी आपत्ति ली। उनका कहना था कि यदि अन्य धर्म का प्रशासक नियुक्त होता है तो क्या वह हिन्दू रीतिरिवाजों को समझेगा? कुछ धर्म तो मूर्ति पूजन के विपरीत होते है ऐसे में वह हिन्दू रीतिरिवाजों को क्या समझेंगे। कमलनाथ सरकार मंदिरों की दानराशि हथियाना चाहती है।