भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को कहा कि मीसाबंदियों के संघर्ष के कारण लोकतंत्र फिर से बहाल हुआ और राज्य सरकार का मीसाबंदियों को स्वतंत्रता दिवस समारोह में आमंत्रित नहीं करने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है।
चौहान बुधवार को मीडिया बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए मीसाबंदियों ने घनघोर यातनाएं सहन कीं। उनके संघर्ष के कारण लोकतंत्र फिर से बहाल हुआ। उन्होंने कहा कि इसीलिए मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने ऐसे लोगों को सम्मानित करने का फैसला किया था। कमलनाथ सरकार को भी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर इसे जारी रखना चाहिए। इस पर रोक लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है।
इंदिरा गांधी ने लोकतंत्र का गला घोंटा था
चौहान ने कहा कि मीसाबंदी लोकतंत्र सेनानी हैं। इंदिरा गांधी जी ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए आपातकाल लगाया था। लोकतंत्र कुचल दिया गया था और हजारों निर्दोष लोग जेलों में ठूंस दिए गए थे। कांग्रेस के मित्रों से पूछना चाहता हूं कि लोकतंत्र का गला घोंटना कौन सा महान कार्य था?
भाजपा मीसाबंदियों का सम्मान करेगी
मीसाबंदियों का जिक्र आने से पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी कटघरे में खड़ी होती हैं। संभवत: इसी के चलते कांग्रेस सरकार ने ये फैसला किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने तय किया है कि अलग-अलग जिलों में होने वाले पार्टी के कार्यक्रमों में उन्हें आमंत्रित कर सम्मान किया जाएगा।
राज्य में पूर्ववर्ती भारतीय जनता पार्टी सरकार के कार्यकाल के दौरान मीसाबंदियों को स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस समारोह में आमंत्रित किया जाता था। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक इस बार स्वतंत्रता दिवस समारोह में मीसाबंदियों को आमंत्रित नहीं किया गया है। चौहान इसी मुद्दे पर टिप्पणी कर रहे थे।