इंदौर। अपराधियों से सांठगांठ व गंभीर केस में आरोपित को बचाने के आरोप में घिरे परदेशीपुरा सीएसपी पंकज दीक्षित (CSP Pankaj Dixit) को DGP ने हटाकर पुलिस मुख्यालय अटैच कर दिया। उन पर गुंडे से मिलीभगत कर अवैध कब्जों में मदद करने का भी आरोप है। अफसरों ने सीएसपी के विरुद्ध विभागीय जांच भी बैठा दी है। दीक्षित की कॉल डिटेल भी जांची जा रही है।
एसएसपी रुचि वर्धन मिश्र के मुताबिक मामला वर्ष 2017 का है। LIG कॉलोनी निवासी ओमप्रकाश कुशवाह (Omprakash Kushwaha) ने आरोपित पंकज खंडेलवाल, पीयूष गांधी और महेश (Pankaj Khandelwal, Piyush Gandhi and Mahesh) के कारण आत्महत्या (Suicide) कर ली थी। पुलिस ने पीयूष व महेश को गिरफ्तार किया, लेकिन पंकज को फरार दर्शा दिया। जैसे ही दीक्षित ने विजयनगर सीएसपी का चार्ज संभाला, पंकज को बाहर करने की कार्रवाई शुरू कर दी। एसआई प्रदीप गोलिया के जरिए प्रतिवेदन तैयार करवाया और टीआई की बगैर जानकारी से एडीपीओ की राय लेकर नोटशीट लिख दी। 25 जुलाई को पंकज ने गुंडे सुमेर से ओम प्रकाश कुशवाह की भी हत्या करवा दी और सीएसपी द्वारा रचा षड्यंत्र परत दर परत सामने आ गया।
एएसपी(जोन-3) शैलेंद्रसिंह चौहान द्वारा जांच कर बताया गया कि पंकज की सीएसपी से सांठगांठ थी। उन्होंने एक अपराधी की मदद की और गंभीर प्रकरण से उसका नाम निकालने का षड्यंत्र रचा। एडीजी वरुण कपूर ने गोपनीय रिपोर्ट मुख्यालय भेज दी और ई-मेल कर तत्काल फील्ड से हटाने के आदेश भेज दिए। सूत्रों के मुताबिक दीक्षित पर गुंडे मुख्तियार की मदद करने का भी आरोप है। सूचीबद्ध गुंडा होने के बाद भी वह उनके कैबिन में ही बैठता था। उसके विरुद्ध मिली शिकायतों पर सीएसपी कार्रवाई से इनकार करते और दबाव बनाकर फरियादियों को भगा देते थे। अफसर उनकी कॉल डिटेल भी निकाल रहे हैं।