भोपाल। संविधान में सभी वर्गों को अधिकार दिए गए हैं। संविधान की भावना है कि सभी वर्गों को न्याय मिले। राज्य सरकार इसी दिशा में लगातार कार्य कर रही है। इसी के अंतर्गत राज्य सरकार ने पिछड़ा वर्ग के लिए 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत आरक्षण देकर बड़े वर्ग के साथ न्याय किया है। यह बात मुख्यमंत्री कमलनाथ ने समन्वय भवन में दलित पिछड़ा अधिकार मोर्चा द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नौजवानों को रोजगार मिलना चाहिए। हम किसी वर्ग को आरक्षण नहीं दे रहे हैं, बल्कि संविधान की भावना के अनुसार न्याय कर रहे हैं। आज कोई वर्ग न्याय से वंचित होगा, तो हम संविधान की मूल भावना को आघात पहुंचाएंगे। संविधान को न्याय से जोड़ने का काम इसके निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर ने किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा संविधान इतना महान है कि इसे कई देशों ने अपनाया है। हमें संविधान की रक्षा करना है। हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौती हर एक नौजवान को काम देने की है। यह तभी संभव होगा, जब प्रदेश में निवेश आए, उद्योग धंधे लगे, आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि हो।
मुख्यमंत्री ने पिछड़ा वर्ग के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस वर्ग ने उन्हें जो प्यार और विश्वास दिया है, उससे उन्हें बल मिला है। सभी वर्गों के सर्वांगीण विकास के लिए शक्ति मिली है। मुख्यमंत्री ने पूर्व उप मुख्यमंत्री स्व. सुभाष यादव का स्मरण करते हुए कहा कि पिछली बार मैंने समन्वय भवन का नामकरण स्व. सुभाष यादव के नाम पर करने को कहा था। आज इस भवन पर उनका नाम देखकर बेहद खुशी हुई। उन्होंने कहा कि वर्ष 1980 में मैं और यादव सांसद थे। पिछड़ा वर्ग समाज के लिए वे हमेशा चिंतित रहते थे।
मंत्रिमंडल में सर्वाधिक 40 प्रतिशत पिछड़े वर्ग के मंत्री
उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि आज मंत्रिमंडल में सर्वाधिक 40 प्रतिशत (9) पिछड़े वर्ग के मंत्री हैं। इन सभी मंत्रियों पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी है। समारोह में पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल, ऊर्जा मंत्री हर्ष यादव, पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव, कृषि मंत्री सचिन यादव सहित अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद थे।