जबलपुर। मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Medical College Hospital) में प्राइवेट कंपनी के सुरक्षा कर्मियों द्वारा की जा रही मनमानियों का नित नया खुलासा हो रहा है। हालिया मामला एक महिला गार्ड का है जिसने दमोह जिले से आए महिला मरीज के पति से खून दिलाने के नाम पर 2500 रुपए ले लिए।
मरीज को खून की जरूरत नहीं पड़ने पर ब्लड बैंक में वापस लौटाने पर इस मामले का खुलासा हुआ। मामला अस्पताल प्रबंधन के पास न पहुँचे इसके लिए सुरक्षा का काम देख रही यूडीएस के अधिकारियों ने अपने स्तर पर ही इसे निपटाने का प्रयास किया। हालांकि महिला गार्ड का कहना था कि वह तो मदद कर रही थी। बहरहाल उसने अगले महीने वेतन मिलने पर पैसे वापस लौटाने की बात कही है। मेडिकल में दूसरे शहरों से आए मरीजों के साथ ऐसी घटनाएं लगातार होती रहती हैं।
जानकारी के अनुसार ग्राम चौरई दमोह से हल्के सिंह ने अपनी गर्भवती पत्नी रेवा बाई की डिलेवरी कराने मेडिकल अस्पताल के स्त्री रोग विभाग के आईसीयू में भर्ती कराया था। प्रसूता की स्थिति गंभीर थी, जिसके कारण डिलेवरी के दौरान चिकित्सकों ने एक यूनिट ब्लड की व्यवस्था करने हल्के सिंह से कहा था। वह ब्लड के लिए परेशान था तो वहाँ मौजूद एक महिला गार्ड ने 2500 रुपए में रक्त दिलवाने की बात की। उसने पहले पैसे देने की शर्त पर किसी आदमी को बुलाया और उसे हल्के के साथ ब्लड बैंक भेज दिया, जहाँ से उसे ब्लड मिल गया।
दूसरी ओर प्रसूता की डिलेवरी रात में हुई, लेकिन उसे रक्त की आवश्यकता नहीं पड़ी। हल्के ने रक्त वापस करने के साथ ही पैसे माँगे तो मामला सामने आया। निजी कंपनी के अधिकारियों ने इस मामले में दोनों पक्षों के बयान लिए तो पैसे के लेनदेन का खुलासा हुआ। महिला गार्ड ने लिखित में माफी माँगते हुए कहा कि वह तो मदद करना चाह रही थी, बातचीत के दौरान एक अज्ञात वहाँ आया और रक्त देने की बात कर हल्के को ले गया। महिला गार्ड का कहना था कि वह उस व्यक्ति को नहीं जानती। उक्त गार्ड ने अगले महीने सेलरी मिलने पर पैसे लौटाने की बात कही। बहरहाल निजी कंपनी स्तर पर ही इस मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है जबकि ऐसी घटनाओं से अस्पताल की प्रतिष्ठा प्रभावित हो रही है।
इनका कहना है
ऐसी कोई शिकायत मेरे पास नहीं आई है, अगर ऐसा हुआ है तो बहुत गलत बात है। आज इसकी जानकारी लेकर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
डॉ. अरविंद शर्मा, उप अधीक्षक मेडिकल कालेज अस्पताल