भोपाल। मेक-इन-इंडिया और स्टार्टअप के चलन ने युवाओं काे कई नए सपने दिखाए। वे युवा जिनकी पुश्तों ने सिर्फ नौकरियां कीं, उन्होंने भी बिजनेस शुरू करने, अपने नए विचारों पर काम करने की हिम्मत जुटाई। तरह-तरह के स्टार्टअप्स देश-दुनिया में खुले और कुछ बंद भी हुए। लेकिन, सिर्फ खयाली पुलाव स्टार्टअप नहीं होते, इनके लिए जरूरी होता है एक अनुभवी मार्गदर्शन और बेहतर बिजनेस प्लानिंग।
असल में आज बाजार में प्रतियोगी भी हैं और बाजी मारकर ले जाने वाले अनुभवी खिलाड़ी भी। यही वजह है कि एक ओर युवाओं ने जहां नए-नए आइडियाज को बिजनेस में तब्दील करने ठानी तो अनुभवी विशेषज्ञों ने ऐसे युवाओं की मदद के लिए एक के बाद एक इनक्यूबेशन सेंटर्स तैयार किए। हमारे शहर भोपाल में ही 6 से ज्यादा इनक्यूबेशन सेंटर्स ऐसे हैं, जाे युवाओं काे काम का माहाैल देने के साथ ही बेहतर सलाह और बिजनेस के फंडे सिखा रहे हैं। पढ़िए कैसे यह इनक्यूबेशन सेंटर युवाओं के साधारण आइडियाज काे बेहतर बनाने की राह सुझाते हैं।
इनक्यूबेशन सेंटर्स के लाभ
- संबंधित फील्ड का मेंटर दिया जाता है।
- आइडिया की सफलता के लिए बीटा टेस्ट में क्लोज नेटवर्क में प्री-लॉन्च ट्रायल लेते हैं।
- अंत में फाइनल लॉन्चिंग होती है।
- फंड के लिए भी मदद करते हैं।
- इन्वेस्टर्स मीट, बिजनेस आइडिया के लूप होल काे पहले ही पकड़ लेते हैं, ताकि असफल न हों।
- आइडिया को बेहतर बनाने के लिए कई बदलाव भी करवाती है।
- स्टार्टअप्स को फंडिंग इवेंट्स तक पहुंचाना,
- एमएसएमई से फंड दिलाना,
- इन्वेस्टर्स मीट के लिए लाइनअप करना,
- मेंटर्स की मदद और विशेषज्ञों से गाइडेंस