इंदौर। दोस्त के साथ खुड़ैल क्षेत्र में पिकनिक मनाने गए SGSITS से इंजीनियरिंग कर रहे एक छात्र की तालाब में डूबने से मौत हो गई। वहीं घटना स्थल पर मौजूद मेडिकल के कुछ छात्रों ने दूसरे युवक को CPR देकर उसकी जान बचा ली। घटना के बाद ग्रामीणों ने तालाब से शव निकाला और हाथ-पैर लकड़ी में बांधकर एक किमी तक टांगकर समतल जगह पर लेकर आए।
खुड़ैल थाना पुलिस के मुताबिक, तुकोगंज स्थित परिजाद अपार्टमेंट में रहने वाले हुसैन (19) पिता अकिमुद्दीन शमसी (Hussein father Akimuddin Shamsi) अपने दोस्त आयुष (Aayush) के साथ पिकनिक मनाने शनिवार सुबह भेरू कुंड गया था। आयुष ग्वालियर का रहने वाला है और हुसैन के साथ SGSITS से ही बीटेक कर रहा था। हुसैन के चचेरे भाई अमीर ने बताया दोनों घर से बाइक लेकर निकले थे। नाहर भंडारे के पास बाइक खड़ी की और इसके बाद एक किलोमीटर तक पैदल चले। रास्ते में पड़ाव पार किया और भेरू कुंड के समीप तालाब में नहाने पहुंच गए। इसी दौरान भाई का पैर फिसला और वह गहराई में चला गया। उसे डूबता देख दोस्त आयुष ने भी छलांग लगाई और बचाने की कोशिश करने लगा। दोनों को ठीक से तैरना नहीं आता था। दोनों के चिल्लाने की आवाज सुनकर तालाब में नहा रहे चार-पांच मेडिकल के छात्र उनके पास पहुंच गए।
उन्होंने भाई और उसके दोस्त को तालाब से निकाला। दोनों को बचाने के लिए छात्रों ने कार्डियोपलमनरी रेससटेशन (सीपीआर) दी लेकिन भाई की जान नहीं बच सकी। जबकि आयुष को बचा लिया गया। घटना के बाद दोस्त आयुष ने अपने कुछ साथियों को फोन लगाकर भाई के पिता के पास जाने के लिए कहा। दोस्तों ने चाचा को दुकान पर आकर बताया कि हुसैन नहीं मिल रहा है। इस पर चाचा कुछ रिश्तेदारों के साथ भाई की तलाश में घटना स्थल के लिए रवाना हो गए। रास्ते में हुसैन के फोन पर आयुष से बात हुई तो पता चला कि भाई हादसे का शिकार हो गया है।
उसने बताया कि वे भाई का शव लेकर मेनरोड पर आ रहे हैं। तालाब से करीब एक किलोमीटर दूरी पर सबकी मुलाकात हुई। इसके बाद भाई का शव कार से लेकर इंदौर के जिला अस्पताल आ गए। पुलिस ने रविवार को पोस्टमार्टम कराया।
अमीर ने बताया कि घटना स्थल से वाहन के आवागमन का साधन नहीं था। इस वजह से ग्रामीणों ने हुसैन के हाथ-पैर लकड़ी में बांधे और उसे टांग कर नाहर भंडारा तक लेकर आए। यहां चाचा और अन्य परिजन को शव सौंप दिया।
परिजन के मुताबिक, हुसैन एनसीसी में टॉपर था। उसने शूटिंग की भी कई प्रतियोगिता जीती थी। इनाम से एक पूरा कमरा भरा पड़ा है। वह एसजीएसआईटीएस कॉलेज में कम्प्यूटर साइंस से बीटेक सेकंड ईयर की पढ़ाई कर रहा था। पिता शहर के बड़े आर्किटेक्ट हैं। उसके दादा शमशीर शमसी ने नेहरू स्टेडियम का आर्किटेक्ट डिजाइन किया था। डिजाइन की वजह से वे सुर्खियों में आए थे। घटना के बाद मां फरजाना और बहन हुसैना का बुरा हाल है।