मप्र में OLA CAB की मनमानी पर लगाम कसेगी कमलनाथ सरकार

भोपाल। मध्य प्रदेश में पिछले कुछ समय से OLA CAB काफी मनमानी कर रही है। OLA CAB समान समय, समान रूट, समान यात्रा और समान कैब के लिए अलग-अलग किराया बताता है। कई बार तो 5 मिनट के अंतराल पर किराया बढ़ जाता है लेकिन अब OLA CAB पीक आवर्स के नाम पर मनमाना चार्ज नहीं वसूली पाईगी। कमलनाथ सरकार OLA सहित सभी एप बेस्ड कैब प्रोवाइडर्स सभी को रेगुलाइज्इड करने जा रही है। इसका ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया है।

आरटीओ में अलग से पंजीयन होगा

आरटीओ में पंजीबद्ध होने के बाद से ही इनका संचालन शहर में हो पाएगा। इसके साथ ही बड़ी मात्रा में कमर्शियल उपयोग होने वाले दो पहिया वाहनों को भी 15 हजार रुपए में परमिट लेना होगा। यह बात और है कि दो साल पहले वर्ष 2017 में भी इसी तरह का ड्राफ्ट बनाया गया था, लेकिन कैब कंपनियों के दवाब में ड्राफर फाइलों में बंद ही रह गया। 

ये होगा फायदा: 

शहर में रेडियो टैक्सी के नाम पर कई कंपनियां टैक्सी, ऑटो रिक्शा और बाइक संचालित कर रहे हैं। इसका किराया अब तक कंपनी ही निर्धारित करती हैं। इसके लिए जगह और समय के अनुसार कंपनी की मर्जी से किराया है। कंपनी लोगों की मजबूरी और खास परिस्थिति का फायदा उठाकर उनसे ज्यादा किराया वसूलती हैं। खासकर रात के समय या बरसात की स्थिति में किराया कहीं ज्यादा लिया जाता है। यह ट्रैफिक और पीक ऑवर्स के नाम पर जोड़ दिया जाता है। इससे अब किराय पर राज्य सरकार का का कंट्रोल हो जाएगा।

ऐसे होगा नियंत्रण : 

अभी कंपनी खुद ही पूरी तरह कैब का संचालन करती हैं। इसमें आरटीओ के पास इसका कंट्रोल नहीं है। नए कानून में यह पूरी तरह से आरटीओ के नियंत्रण में आ जाएंगी। इससे इनके संचालन से लेकर शिकायत मिलने पर कार्रवाई तक के अधिकारी होंगे। 

यह करना होगा जरूरी: 

यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए अब चालक का फोटो, चालक का नाम, अनुज्ञप्ति क्रमांक, श्रेणी, विधिमान्यता और चालक का मोबाइल नंबर और वाहन की फोटो समेत सभी कागजात गाड़ी में रखने होंगे। गाड़ी में पेनिक बटन लगाना होगा। गाड़ी के नंबर हेल्प लाइन नंबर और डायल-100 का नंबर लिखना होगा। एप को ऐसा बनाना होगा, जिसमें गाड़ी और चालक की सभी जानकारी होंगी। इसके अलावा यात्रा खत्म होते ही यात्री को ई-मेल समेत अन्य तरह से ऑन लाइन यात्रा और किराए की पूरी जानकारी भेजनी होगी। एप पर शिकायत नंबर होना चाहिए। 

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