भोपाल। सीएम कमलनाथ ने बड़ी ही चतुराई के साथ भाजपा के 2 विधायक कम कर दिए। अब भाजपा के पास 107 विधायक रह गए हैं जबकि कांग्रेस के पास 122। कमलनाथ के इस खेल के बाद नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव, शिवराज सिंह चौहान के चुप हो जाने के बाद कैलाश विजयवर्गीय गरज उठे थे। उन्होंने राजस्थान में बड़ा बयान दिया था परंतु जैसे ही भोपाल में वही सवाल दोहराया गया तो चुप रह गए।
पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय 24 घंटे के अंदर ही अपने बयान से पलट गए। रविवार को राजस्थान के जयपुर में कर्नाटक में कैबिनेट गठन के बाद नया मिशन शुरू करने का बयान देने वाले कैलाश विजयवर्गीय भोपाल में अपने बयान पर सफाई देते हुए दिखाई दिए।
मीडिया ने जब कैलाश विजयवर्गीय से उनके बयान के बारे में पूछा को उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि मेरे नए मिशन का मतलब मध्य प्रदेश से नहीं था। हालांकि उन्होंने इतना जरूर कहा कि जब कांग्रेस के ही विधायक सरकार से अंसतुष्ट हैं और असहज महसूस कर रहे हैं तो फिर कुछ भी हो सकता है।
मध्य प्रदेश में अपनी कोई भूमिका होने से इंकार करते हुए कैलाश ने कहा कि उनका लक्ष्य पश्चिम बंगाल है। प्रदेश के नवनियुक्त राज्यपाल लालजी टंडन से मिलने के बाद कैलाश विजयवर्गीय भाजपा दफ्तर भी पहुंचे जहां उन्होंने संगठन महामंत्री सुहास भगत से भी मुलाकात की।