इंदौर। बारिश के दौरान शहर में एक भी जगह जलभराव की स्थिति न बने, इसे लेकर नगर निगम ने सभी जोनल अफसरों को खास निर्देश दिए थे, लेकिन पहली बारिश में ही स्मार्ट सिटी का दफ्तर पानी-पानी हो गया और दफ्तर के बाहर पानी भर गया। निगम के तमाम दावों की इस दौरान पोल खुलती दिखी, जब पैदल चलने वालों को भी वाहनों का सहारा लेना पड़ा।
कुछ दिनों पहले एक मीटिंग में निगम के बड़े अफसरों ने शहर के जोनल अधिकारियों को इस बात के लिए चेताया था कि किसी भी इलाके में बारिश के दौरान जलभराव की स्थिति नहीं होनी चाहिए और इसके लिए पर्याप्त इंतजाम बारिश से पूर्व ही पूरे करने होंगे। बारिश के दौरान या उसके बाद यदि कहीं ऐसी स्थिति देखने को मिलती है तो उस जोनल अफसर के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी. साथ ही उसका वेतन भी काटा जाएगा।
बावजूद इसके निगम के बड़े अफसर का फरमान भी काम नहीं आया, पहले ही तेज बारिश में निगम के स्मार्ट सिटी के दफ्तर के बाहर जलभराव हो गया। निगम के अफसरों के साथ ही वहां आने वाले कर्मचारियों को भी इस मुसीबत का सामना करना पड़ा। पूरे शहर में जल भराव की स्थिति नहीं बनने के दावे करने वाले नगर निगम के अधिकारियों की बात खुद उनके ही कार्यालय के बाहर झूठ साबित हो गई।