इंदौर। हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद धार विधायक नीना वर्मा ( MLA Nina Verma) ने कोर्ट में हर्जाने की रकम जमा नहीं की। यह रकम वर्मा के खिलाफ चुनाव याचिका दायर करने वाले को मिलनी थी। पैसा नहीं मिला तो याचिकाकर्ता ने दोबारा याचिका दायर करते हुए ब्याज के साथ रकम दिलाने की गुहार लगाई है।
धार निवासी सुरेशचंद्र भंडारी ने चुनाव याचिका दायर करते हुए 2013 में हुए विधायक वर्मा के निर्वाचन को शून्य घोषित करने की मांग की थी। उनका कहना था कि वर्मा ने नामांकन फॉर्म में कई जानकारियां या तो अधूरी दीं या गलत दी थीं। हाई कोर्ट ने 20 नवंबर 2017 को याचिका स्वीकारते हुए वर्मा का निर्वाचन शून्य घोषित कर दिया था।
कोर्ट ने वर्मा को यह आदेश भी दिया था कि वे याचिकाकर्ता को वकील फीस के दस हजार रुपए और अन्य खर्च हर्जाने के बतौर अदा करें। कोर्ट के आदेश के बावजूद वर्मा ने हर्जाना अदा नहीं किया। भंडारी ने बताया कि उन्होंने 10 हजार रुपए वकील फीस और अन्य खर्च के 87 हजार 961 रुपए वर्मा से मांगे थे, लेकिन नहीं मिले। इस पर उन्होंने इस रकम की वसूली के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।
वर्मा ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन उन्हें वहां से भी राहत नहीं मिली थी। 2 जुलाई 19 को उनकी अपील निराकृत करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हाई कोर्ट के फैसले में दखल की कोई वजह नजर नहीं आती। हालांकि 2018 में हुए चुनाव में वर्मा धार से विधायक चुन ली गईं, इसलिए उनकी विधायकी पर कोई फर्क नहीं पड़ा।