BHOPAL NEWS : दीनदयाल रसोई से सैकड़ों भूखे लोग लौट रहे हैं लगभग 3 हफ्तों से बंद पड़ी है

भाेपाल। पांच रुपए में गरीबों को भरपेट भोजन कराने वाली दीनदयाल रसोई 17 दिन से बंद है। नगर निगम द्वारा संचालित इस रसोई में भाेजन की उम्मीद में आ रहे सैकड़ों लोग भूखे ही लौट रहे हैं। सुल्तानिया अस्पताल के सामने स्थित यह रसोई 20 जून से बंद है। इस संबंध में निगम अफसरों का तर्क है कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की ओर से राशन उपलब्ध नहीं कराने के कारण हमें रसोई बंद करना पड़ी।

दूसरा तरफ खाद्य विभाग के अधिकारी इस मामले में बात करनेे से बच रहे हैं। अप्रैल 2017 में भाजपा सरकार ने तमिलनाडु की अम्मा कैंटीन की तर्ज पर प्रदेश में दीनदयाल रसोई योजना शुरू की थी। योजना का मकसद शहर में रहने वाले मजदूर और गरीब तबके के लोगों को नाममात्र के शुल्क पर भोजन उपलब्ध कराना था। भोपाल के बाद इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर सहित दूसरे शहरों में भी ऐसी रसोई शुरू की गई थीं। रसोई के लिए खाना बनाने की जिम्मेदारी दिल्ली की एक संस्था को दी गई थी। जानकारी के अनुसार भोपाल के साथ-साथ दूसरे कई शहरों की रसोई पर भी ताला डाल दिया गया है।

योजना हमारे विभाग की नहीं : दीनदयाल रसोई हमारे विभाग की योजना नहीं है, इसलिए इसके बंद करने के बारे में मैं कुछ नहीं कह सकता। मैं पता करवाता हूं कि आखिर विभाग ने रसोई के लिए खाद्यान क्यों नहीं उपलब्ध कराया। 
प्रद्युम्न सिंह तोमर, खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री 

रसोई के लिए गेंहू, चावल, शक्कर उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी खाद्य विभाग की थी। इस योजना के इंचार्ज विनोद शुक्ला ने बताया कि खाद्य विभाग ने जून से अनाज देना बंद कर दिया है। इसके चलते 20 जून से रसोई पर ताला डाल दिया है। वहीं, जानकारों का कहना है कि सरकार दीनदयाल रसाेई बंद करके इंदिरा थाली लाने की तैयारी कर रही है। इसलिए फिलहाल दीनदयाल रसोई को बंद कर दिया गया है।
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